गलवान की घटना को लेकर अब तक स्पष्टता नहीं, अपने कदमों को लेकर देश को भरोसा दिलाए सरकार: सोनिया

गलवान की घटना को लेकर अब तक स्पष्टता नहीं, अपने कदमों को लेकर देश को भरोसा दिलाए सरकार: सोनिया

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  • Publish Date - June 15, 2021 / 09:39 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:23 PM IST

नयी दिल्ली, 15 जून (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत की पहली बरसी पर मंगलवार को कहा कि एक वर्ष का समय गुजरने के बाद भी इस घटना से जुड़े हालात को लेकर स्पष्टता नहीं है तथा सरकार देश को विश्वास में ले और यह सुनिश्चित करे कि उसके कदम देश के जवानों की प्रतिबद्धता के अनुकूल रहे हैं।

सोनिया ने जवानों के बलिदान को याद किया और यह दावा किया कि सैनिकों के पीछे हटाने का जो समझौता चीन के साथ हुआ है उससे भारत का नुकसान दिखाई पड़ता है।

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘14-15 जून, 2020 की रात को चीन की पीएलए के साथ हुई झड़प को एक साल पूरा हो गया है। इसमें बिहार रेजीमेंट के हमारे 20 जवानों की जान चली गई थी। कांग्रेस हमारे जवानों के सर्वोच्च बलिदान को याद करने में राष्ट्र के साथ शामिल है।’’

उनके मुताबिक, इसका बहुत ही धैर्य का साथ इंतजार किया गया कि सरकार सामने आएगी और देश को उन हालात के बारे में सूचित करेगी जिनमें यह अप्रत्याशित घटना घटी तथा वह लोगों को विश्वास दिलाएगी की हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

सोनिया ने कहा, ‘‘अब कांग्रेस पार्टी अपनी इस चिंता को फिर से प्रकट करती है कि अब तक कोई स्पष्टता नहीं है और इस विषय पर प्रधानमंत्री का आखिरी वक्तव्य पिछले साल आया था कि कोई घुसपैठ नहीं हुई।’’

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हमने प्रधानमंत्री के बयान के संदर्भ में बार बार ब्यौरा मांगा और अप्रैल, 2020 से पूर्व की यथास्थिति बहाल करने की दिशा में हुई प्रगति का विवरण भी मांगा। चीन के साथ सेनाओं को पीछे हटाने का जो समझौता हुआ है, उससे लगता है कि यह अब तक भारत के लिए पूरी तरह नुकसानदेह रहा है।’’

सोनिया ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी आग्रह करती है कि सरकार देश को विश्वास में ले और यह सुनिश्चित करे कि उसके कदम हमारे उन जवानों की प्रतिबद्धता के अनुकूल हैं जो मुस्तैदी के साथ हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।’’

गौरतलब है कि पिछले साल 14-15 जून की दरम्यानी रात पीएलए के सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हो गए । बाद में कई खबरों के माध्यम से यह जानकारी सामने आई कि इस झड़प में चीन के भी कई सैनिक मारे गए।

भाषा हक

हक पवनेश

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