बिहार में ठोस, तरल अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर जमीनी स्तर पर कोई प्रगति नहीं हुई: एनजीटी

बिहार में ठोस, तरल अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर जमीनी स्तर पर कोई प्रगति नहीं हुई: एनजीटी

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  • Publish Date - October 26, 2024 / 09:22 PM IST,
    Updated On - October 26, 2024 / 09:22 PM IST

नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कहा है कि बिहार में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में ‘जमीनी स्तर पर कोई प्रगति नहीं हुई है’।

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सीवेज व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की प्रगति की निगरानी कर रहे एनजीटी ने मई 2023 में बिहार पर 4,000 करोड़ रुपये का पर्यावरण जुर्माना लगाया था।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने 22 अक्टूबर को पारित आदेश में कहा कि बिहार ने 18 अक्टूबर को प्रगति रिपोर्ट दायर की थी।

आदेश में कहा गया है, ‘हमने पिछले आदेश के बाद मुख्य सचिव द्वारा दायर रिपोर्ट पर गौर किया है। यह स्पष्ट है कि अनुपालन रिपोर्ट ठीक से प्रस्तुत नहीं की गई है और जमीनी स्तर पर कोई प्रगति नहीं हुई है।’

न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की सदस्यता वाली इस पीठ ने कहा कि सीवेज शोधन में 1,102 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) का ‘बड़ा अंतर’ है।

पीठ ने कहा, ‘सीवेज के 100 प्रतिशत शोधन को प्राप्त करने को लेकर गंभीर अनिश्चितता है, जो तरल अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित उच्चतम न्यायालय के (2017 के) आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है।’

भाषा जोहेब रंजन

रंजन