नूंह में धुंधला हो रहा शान्ति का नूर.. मध्यप्रदेश में महसूस हो रही है सियासी तपिश, आमने-सामने हुई बीजेपी-कांग्रेस..

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  • Publish Date - August 3, 2023 / 12:08 AM IST,
    Updated On - August 3, 2023 / 12:20 AM IST

भोपाल: नूंह इलाका इन दिनों हिंसा की आग में जल रहा है। 6 लोगों की मौत के बाद 9 जिलों में कर्फ्यू है और सभी जगह इंटरनेट बंद हैं। लेकिन हिंसा की आग में जलते हरियाणा की सियासी तपिश मध्यप्रदेश में भी महसूस की जा रही है। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने तंज कसते हुए हिंसा के मामले में भाजपा की नैतिक हार की बात कहते हुए राजनीतिक हार की चेतावनी दे दी.. तो बीजेपी ने भी पलटवार करते हुए कांग्रेस को पुराने दिनों की याद दिला दी.. (Nooh Hinsa ki Wajah Kya Hai) जाहिर है, हरियाणा से करीब एक हजार किलोमीटर दूर, मध्यप्रदेश की सियासत में आई इस गर्मी की वजह साफ है… मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव पास है।

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मध्यप्रदेश में गुस्से की ये आग भड़की है हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के बाद। विश्व हिंदू परिषद ने मध्यप्रदेश के कई शहरों में नूंह हिंसा पर विरोध जताते हुए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। MP से हजार किलोमीटर दूर हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा पर अब सियासी रंग चढ़ गया है। नूंह हिंसा के बाद प्रदर्शन हुआ, तो मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सीधे BJP को आगाह किया कि हिंसक लोग कुछ समय के लिए लोगों को भटका सकते हैं, लेकिन छल का छलावा एक दिन मिट जाता है। उन्होंने नैतिक हार का आरोप लगाते हुए राजनीतिक हार की चेतावनी भी भाजपा को दी।

कांग्रेस ने जब नूंह हिंसा के बहाने भाजपा को घेरा, तो BJP ने भी पलटवार करते हुए कांग्रेस को पुराने दिनों की याद दिलाई और कहा कि हिंसा की आग में रोटी सेंकना कांग्रेस का पुराना शगल है।

दरअसल, हरियाणा के नूंह में विश्व हिंदू परिषद की ब्रज मंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत गई है। नूंह हिंसा में अब तक 26 FIR दर्ज हुई हैं और 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं गुरुग्राम में 15 FIR दर्ज की गई हैं और 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दो दिन बाद भी 9 जिलों में धारा 144 लागू है। (Nooh Hinsa ki Wajah Kya Hai) पुलिस और सेंट्रल फोर्स की 50 कंपनियां तैनात की गई हैं। पुलिस का कहना है कि छोटे-छोटे ग्रुप हिंसा फैला रहे हैं। इन जिले में इंटरनेट और SMS सेवाएं भी बंद हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच या हिंसा न होने देने को कहा है। सुप्रीम अदालत की बातें सियासत करने वालों को समझ नहीं आ रही, क्योंकि एमपी में इस साल चुनाव है।

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