Old Pension Scheme: अब इस राज्य में पुरानी पेंशन योजना की बारी! इस पार्टी के घोषणा पत्र में होगा शामिल
अब इस राज्य में पुरानी पेंशन योजना की बारी! इस पार्टी के घोषणा पत्र में होगा शामिल
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now old pension scheme in Tripura
नई दिल्ली। आरबीआई ने भले ही राज्यों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की ओर लौटने के खिलाफ चेतावनी जारी की हो, लेकिन कई राज्य पहले ही इसकी तरफ वापस आने की घोषणा कर चुके हैं, और आगे भी इस योजना की ओर लौटने और कई राज्य कदम उठा सकते हैं। पुरानी पेशन योजना लागू करने वाले राज्यों की लिस्ट में नया नाम हिमाचल प्रदेश का है।
वहीं ओपीएस अब त्रिपुरा में भी एक चुनावी मुद्दा बन चुकी है, यहां 16 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं। वाम मोर्चे ने सत्ता में आने पर ओपीएस लाने का वादा भी कर दिया है। गौरतलब है कि इस पूर्वोत्तर राज्य में 28 लाख मतदाताओं में 1.04 लाख सरकारी कर्मचारी और 80,800 पेंशनभोगी हैं। इसलिए यहां यह मुद्दा काफी मायने रखता है।
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पुरानी पेंशन स्कीम को दरकिनार करते हुए वाजपेयी सरकार इसके बदले में एक नई पेंशन योजना (एनपीएस) लेकर आई थी जिसे 2004 से पूरे देश में लागू कर दिया गया था। आरबीआई ने कई रिपोर्टों में ओपीएस में वापसी को राजकोष पर बढ़ते भार के रूप में रेखांकित किया है क्योंकि यह केंद्र सरकार की देनदारी को कई गुना बढ़ा देता है।
वहीं सीपीआई (एम) के त्रिपुरा राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने कहा, ‘ओपीएस हमारे घोषणा पत्र का हिस्सा बनने जा रहा है। सरकारी कर्मचारियों के लिए हमारे पास चार प्रमुख चीजें होंगी। ओपीएस के अलावा, सरकारी कर्मचारियों की कोई मनमानी छंटनी नहीं होगी, सभी देय महंगाई भत्ते तुरंत जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही अपनी नौकरी खो चुके (2014 के उच्च न्यायालय के आदेश के बाद) 10,323 शिक्षकों की आजीविका बहाल की जाएगी।
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गौरतलब है कि ओपीएस को वापस लाने वाले तीन राज्यों- राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ है तीनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) सत्ता में है। वहीं देश में सिर्फ एकमात्र वामपंथी शासित राज्य केरल है, जहां सरकारी कर्मचारियों के लिए अभी भी एनपीएस लागू है।

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