Pahalgam Attack Latest Update. Image Source-IBC24
नई दिल्लीः Pahalgam Attack Latest Update: जम्मू-कश्मीर के पहगाम के बैसरन घाटी में पर्यटकों पर आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कड़ा रूख अख्तियार किया है। सुरक्षा मामले की केंद्रीय कमेटी की बैठक में सिंधु नदी का जल रोकने के साथ-साथ कई और प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया हैं। इसी बीच अब केंद्र सरकार ने मीडिया चैनलों के लिए एक गाइडलान जारी किया है।
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Pahalgam Attack Latest Update: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि सभी मीडिया चैनलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही का सीधा प्रसारण न करे। सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया प्लेटफॉर्म, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे रक्षा और अन्य सुरक्षा-संबंधी अभियानों से संबंधित मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय अत्यधिक जिम्मेदारी का प्रयोग करें और मौजूदा कानूनों और विनियमों का सख्ती से पालन करें।”
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प्वाइंट्स में समझें IBM ने क्या कहा?
- राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे अत्यंत जिम्मेदारी के साथ काम करें और रक्षा व अन्य सुरक्षा से संबंधित अभियानों की रिपोर्टिंग करते समय मौजूदा कानूनों और नियमों का सख्ती से पालन करें।
- विशेष रूप से: रक्षा अभियानों या बलों की गतिविधियों से संबंधित किसी भी प्रकार का रियल-टाइम कवरेज, लाइव प्रसारण, या ‘सूत्रों पर आधारित’ जानकारी का प्रकाशन नहीं किया जाना चाहिए। संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा करने से शत्रुतापूर्ण तत्वों को मदद मिल सकती है और इससे अभियानों की प्रभावशीलता और सुरक्षा बलों के कर्मियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
- पिछले घटनाक्रमों ने जिम्मेदार रिपोर्टिंग के महत्व को रेखांकित किया है। कारगिल युद्ध, मुंबई आतंकवादी हमले (26/11), और कंधार अपहरण जैसी घटनाओं के दौरान, अनियंत्रित कवरेज का राष्ट्रीय हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था।
मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और पर्सनल यूजर राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कानूनी दायित्वों के अलावा, यह हमारी सामूहिक नैतिक जिम्मेदारी भी है कि हम अपनी कार्रवाइयों से जारी अभियानों या सुरक्षा बलों की सुरक्षा से समझौता न करें।
- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय पहले ही सभी टीवी चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के नियम 6(1)(p) का पालन करने की सलाह दे चुका है। नियम 6(1)(p) कहता है कि, कोई भी कार्यक्रम केबल सेवा में प्रसारित नहीं किया जाएगा जिसमें किसी भी सुरक्षा बल द्वारा किए जा रहे किसी भी आतंकवाद विरोधी अभियान का लाइव कवरेज शामिल हो, जहां मीडिया कवरेज को केवल सरकार द्वारा नामित अधिकारी द्वारा समय-समय पर ब्रीफिंग तक सीमित रखा जाएगा, जब तक कि ऐसा अभियान समाप्त नहीं हो जाता।
- ऐसा प्रसारण केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 का उल्लंघन है और इसके तहत कार्रवाई के लिए उत्तरदायी है। इसलिए, सभी टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में किसी भी आतंकवाद विरोधी अभियान और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का लाइव कवरेज न करें। मीडिया कवरेज को सरकार द्वारा नामित अधिकारी द्वारा समय-समय पर की गई ब्रीफिंग तक सीमित किया जा सकता है, जब तक कि अभियान समाप्त न हो जाए।
- सभी हितधारकों से अनुरोध है कि वे सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ रिपोर्टिंग जारी रखें, और राष्ट्र की सेवा में उच्चतम मानकों को बनाए रखें।
- यह आदेश मंत्रालय के सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति से जारी किया गया है।
IBM की मीडिया गाइडलाइन क्या है?
IBM की गाइडलाइन के अनुसार, किसी भी आतंकी विरोधी अभियान का लाइव प्रसारण या रियल-टाइम कवरेज नहीं किया जा सकता, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा न हो।
IBM मीडिया गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर क्या होगा?
जो भी चैनल या प्लेटफॉर्म नियम 6(1)(p) का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
क्या सोशल मीडिया यूजर्स पर भी ये गाइडलाइन लागू होती है?
हां, सोशल मीडिया यूजर्स को भी अत्यंत जिम्मेदारी से पोस्ट करने की सलाह दी गई है, जिससे कोई संवेदनशील जानकारी लीक न हो।
IBM मीडिया गाइडलाइन के पीछे क्या कारण है?
पिछली घटनाओं जैसे 26/11 हमले और कारगिल युद्ध के दौरान अनियंत्रित कवरेज से हुए नुकसान को देखते हुए ये कदम उठाया गया है।
IBM मीडिया गाइडलाइन के तहत कौन जानकारी दे सकता है?
सिर्फ सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी ही अभियान के संबंध में ब्रीफिंग या जानकारी दे सकते हैं, जब तक ऑपरेशन पूरा न हो जाए।