#SarkarOnIBC24: पश्चिम बंगाल में हिंसा.. जारी है ‘रण’! भाजपा ने की राष्ट्रपति शासन की मांग, क्या अब ममता के लिए गले की फांस बन रही है मुर्शिदाबाद की घटना? देखिए ये वीडियो

क्या अब ममता के लिए गले की फांस बन रही है मुर्शिदाबाद की घटना? Now the Murshidabad incident is becoming a noose around Mamata's neck

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  • Publish Date - April 20, 2025 / 12:02 AM IST,
    Updated On - April 20, 2025 / 12:13 AM IST

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कोलकाताः SarkarOnIBC24: क्या वक्फ कानून के विरोध में भड़की हिंसा ममता बनर्जी के लिए फांस बनेगी? क्या बंगाल में राष्ट्रपति शासन भी लग सकता है? ये सवाल इसलिए क्यों कि बीजेपी लगातार राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही है..हालांकि ममता सरकार कोलकाता हाईकोर्ट में मुर्शिदाबाद हिंसा पर अपनी रिपोर्ट पेश कर हालात को कंट्रोल में बता चुकी है लेकिन गर्वनर के मालदा और मुर्शिदाबाद दौरे ने बंगाल में एक बार फिर सियासी पारा हाई कर दिया है।

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SarkarOnIBC24: वक्फ कानून के विरोध में बंगाल में भड़की हिंसा को लेकर सियासत जारी है। सत्तापक्ष और विपक्ष इसके लिए एक दूसरे को जिम्मेदार बता रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप की सियासत के बीच राज्यपाल सीवी आनंद बोस पहले मालदा फिर मुर्शिदाबाद के दौरे पर रहे। मुर्शिदाबाद दौरे पर राज्यपाल आनंद बोस ने पीड़ितों से मुलाकात की और रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजने की बात कही, जबकि ममता बनर्जी ने राज्यपाल से मुर्शिदाबाद नहीं जाने की अपील की थी, लेकिन गर्वनर ने ममता की अपील को दरकिनार करते हुए हिंसाग्रस्त इलाकों में पहुंचे। गर्वनर के साथ-साथ राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने भी प्रभावित इलाकों का दौरा किया. इस दौरान टीम ने घटनास्थल का जायजा लिया और पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। NCW की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने मौके की स्थिति को गंभीर बताया। उन्होंने इस बारे में कहा, यहां बहुत ज्यादा हो गया. ये सब अमानवीय है. लोगों को तकलीफ हो रही है। उनकी मांगों को हम सरकार के सामने रखेंगे।

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पश्चिम बंगाल में हिंसा से भड़की सियासी आग मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ की राजनीति को भी झुलसा रही है। भले ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की हैं, लेकिन ये भी सच है कि भड़की हिंसा के बाद ममता बनर्जी चौतरफा घिरती नजर आ रही है। बीजेपी पहले से ही आक्रामक है और गर्वनर और राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम रिपोर्ट तैयार करने की बात कर रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या मुर्शिदाबाद हिंसा अब ममता के लिए गले की फांस बन रही है। सवाल ये भी कि क्या रिपोर्ट में खामियां मिलने पर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगेगा?

 


वक्फ कानून के विरोध पर बंगाल में हिंसा क्यों हुई?

वक्फ कानून को लेकर गलतफहमियों और अफवाहों ने लोगों को भड़काया, जिसके चलते मुर्शिदाबाद और मालदा में हिंसक प्रदर्शन हुए।

क्या पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लग सकता है?

फिलहाल कोई आधिकारिक निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन अगर राज्यपाल और अन्य केंद्रीय संस्थाएं रिपोर्ट में गंभीर प्रशासनिक चूक दिखाती हैं, तो संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन की संभावना बनी रह सकती है।

राज्यपाल ने ममता सरकार की अपील को क्यों ठुकराया?

ममता बनर्जी ने राज्यपाल से हिंसाग्रस्त इलाकों में न जाने की अपील की थी, लेकिन राज्यपाल ने इसे दरकिनार करते हुए मौके का दौरा किया और पीड़ितों से बातचीत की।

NCW ने बंगाल हिंसा पर क्या टिप्पणी की?

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने इसे "अमानवीय और गंभीर स्थिति" बताया और रिपोर्ट सरकार को सौंपने की बात कही।

क्या बंगाल सरकार ने हिंसा पर रिपोर्ट सौंपी है?

जी हां, ममता सरकार ने कोलकाता हाईकोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की है जिसमें बताया गया कि स्थिति नियंत्रण में है और आवश्यक कदम उठाए गए हैं।