अब स्कूल में खेल सकेंगे गिल्ली- डंडा, कंचा और लंगड़ी टांग…जैसे ठेठ भारतीय खेल, की जा रही तैयारी

अब स्कूल में खेल सकेंगे गिल्ली- डंडा, कंचा और लंगड़ी टांग...जैसे ठेठ भारतीय खेल, You will be able to play gilli-danda, lame leg...

अब स्कूल में खेल सकेंगे गिल्ली- डंडा, कंचा और लंगड़ी टांग…जैसे ठेठ भारतीय खेल, की जा रही तैयारी

Typical Indian Games

Modified Date: November 29, 2022 / 07:46 pm IST
Published Date: August 29, 2022 12:36 pm IST

 Typical Indian Games: दिल्ली। गिल्ली- डंडा, पोशम- पा, राजा- मंत्री- चोर- सिपाही, ऊंच- नीच, सटापू, आइस- पाइस, पिट्ठू गरम वगैरह ही नहीं, खो- खो और कंचों समेत करीब 75 ठेठ ‘भारतीय खेलों’ को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की योजना पर काम चल रहा है। इसे शिक्षा मंत्रालय के ‘इंडियन नॉलेज सिस्टम’ के तहत लागू किए जाने की तैयारी है।

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हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नैशनल एजुकेशन पॉलिसी की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर पारम्परिक भारतीय खेलों की फेहरिस्त में लंगड़ी टांग, पतंगबाजी, विष-अमृत वगैरह खेलों को शामिल करने का मसौदा पेश किया है।

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महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संथाल जनजाति के खेल ‘संथाल कट्टी’ को भी लिस्ट में जगह मिली है। उधर सुदूर उत्तर पूर्वी प्रदेश मणिपुर का लोकप्रिय खेल ‘यूबी लकपी’ भी इसमें सम्मिलित है।

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 Typical Indian Games: बता दें कि गिल्ली-डंडा या लिप्पा गुजरात, सतोलिया/पिट्ठू / लगोर कर्नाटक, कंचा या लखोटी बिहार और खो- खो, गुट्टे व सटापू या नोंडी तमिलनाडु के पारम्परिक खेल हैं। इसके पीछे सोच है कि न केवल ठेठ भारतीय खेल ही स्कूली बच्चों को खिलाए जाएं, बल्कि स्कूली स्तर पर खेल-कूद को खासा बढ़ावा दिया जाए।

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 Typical Indian Games: भारतीय खेलों की जड़ें प्राचीन शास्त्रों तक में फैली हैं। जैसे गिल्ली-डंडा और मल्ल युद्ध 5000 साल से अधिक पुराने खेल बताते हैं। इंडियन नॉलेज सिस्टम (आई के एस) के संयोजकों और विशेषज्ञों का मानना है कि महाभारत तक में कृष्ण, अर्जुन और भीम का गिल्ली-डंडा खेलने का उल्लेख है।

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