पुरी, 30 जुलाई (भाषा) गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य, स्वामी निश्चलानंद सरस्वती और विभिन्न संगठनों के कड़े विरोध को देखते हुए ओडिशा सरकार ने पुरी और कोणार्क के समुद्र तट के किनारे कुटिया बनाने की अपनी योजना शुक्रवार को छोड़ दी।
यह जानकारी पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने यहां स्थानीय विधायक जयंत सारंगी के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पुरी में समुद्र तट पर कुटिया खोलने की परियोजना को छोड़ने का फैसला किया है।
वर्मा ने कहा, ‘पुरी एक विरासत वाला शहर है और इसका आध्यात्मिक महत्त्व है। हम इसे उसी तरह विकसित करने की कोशिश करेंगे।’ उन्होंने कहा कि सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी जिससे विरासत वाला शहर पुरी पर नकारात्मक प्रभाव पड़े।
राज्य सरकार ने ओडिशा पर्यटन विकास निगम (ओटीडीसी) के माध्यम से पुरी और गोपालपुर में समुद्र तट ऐसी पांच कुटियां (छोटे-छोटे कमरे) को खोलने के लिए इच्छुक पक्षों से आवेदन मांगे थे। शुक्रवार को आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि थी।
हालांकि, पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती, पुरी और कोणार्क के तटों पर कुटिया बनाने की योजना का विरोध कर रहे करीब 50 अलग-अलग संगठनों के साथ खड़े हो गए, जिसके बाद राज्य सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया। इन स्थानों पर पर्यटकों को शराब परोसे जाने की योजना थी।
भाषा कृष्ण अमित
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