(तस्वीरों के साथ)
बालासोर/भुवनेश्वर, चार जून (भाषा) ओडिशा में बालासोर जिले के बाहानगा बाजार में शुक्रवार को हुए भीषण रेल हादसे के बाद, पूर्वी एवं दक्षिण भारत को जोड़ने वाली मुख्य ‘ट्रंक लाइन’ से रेलगाड़ियों के क्षतिग्रस्त डिब्बे हटा दिये गये हैं तथा ट्रेन सेवा बहाल करने के लिए दो रेल पटरियों को दुरुस्त कर दिया गया है।
रेलवे ने ट्रेन दुर्घटना की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की सिफारिश की है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार शाम भुवनेश्वर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने तीन ट्रेन से जुड़ी दुर्घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश की है, जिसमें 275 लोगों की जान चली गई और 1,000 से अधिक घायल हुए हैं।’’
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बालासोर ट्रेन दुर्घटना के लिए दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
वहीं, सरकार ने रविवार को कहा कि बालासोर दुर्घटनास्थल पर ‘‘अप और डाउन’’ दोनों रेल पटरियों की मरम्मत कर दी गई है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया कि ‘अप-लाइन’ को दुरुस्त कर दिया गया है और ‘ओवरहेड’ विद्युतीकरण का काम भी शुरू हो गया है।
वैष्णव ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘अप-लाइन की पटरी की मरम्मत का काम शाम 4.45 बजे पूरा हो गया। ओवरहेड विद्युतीकरण का काम शुरू हो गया है।’’
उन्होंने इससे पहले एक ट्वीट में कहा था कि हावड़ा जाने वाली ‘डाउन लाइन’ को बहाल कर दिया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि इसका तात्पर्य यह है कि रेल पटरियों का कम से कम एक हिस्सा अब ट्रेनों के परिचालन के लिए तैयार है, लेकिन बालासोर दुर्घटनास्थल पर ‘लूप लाइन’ सहित सभी पटरियों को ठीक करने में अभी और समय लगेगा।
ओडिशा सरकार ने ट्रेन दुर्घटना में मारे गए लोगों की संख्या को रविवार को संशोधित कर 288 से 275 कर दिया तथा घायलों की संख्या 1,175 बतायी।
मुख्य सचिव पी.के. जेना ने पत्रकारों को बताया कि कुछ शवों की दो बार गिनती कर ली गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘विस्तृत सत्यापन और बालासोर जिलाधिकारी की रिपोर्ट के बाद, अंतिम मृतक संख्या 275 निर्धारित की गई है।’’
यहां डेरा डाले हुए केंद्रीय मंत्रियों-अश्विनी वैष्णव और धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को दुर्घटनास्थल का दौरा किया।
प्रधान ने कहा, ‘‘बचाव कार्य पूरा हो गया है… हम हादसे में प्रभावित हुए लोगों को उनके घर भेजने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘मंगलवार तक यह काम संभवत: हो जाएगा।’’
बाद में, वैष्णव ने रविवार को कहा कि दुर्घटना के असल कारण का पता लगा लिया गया है।
वैष्णव ने कहा कि हादसे का कारण रही ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ में जो बदलाव किया गया था, उसका पता लगा लिया गया है। उन्होंने कहा कि हादसे का टक्कर-रोधी प्रणाली ‘कवच’ से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्घटना की जांच पूरी हो चुकी है और जैसे ही रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे, सभी विवरण पता चल जाएगा।’’
रेल मंत्री ने कहा, ‘‘भयावह घटना के कारण का पता लगा लिया गया है… मैं इसके विस्तार में नहीं जाना चाहता। रिपोर्ट आने दीजिए।’’
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा, ‘‘हमारी टीम चौबीसों घंटे काम कर रही हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पटरियों की मरम्मत का काम जारी है। हम ओवरहेड केबल और खंभों को दुरूस्त करने का भी काम कर रहे हैं, जो उखड़ गए थे।’’
अधिकारियों ने बताया कि पटरियों से हटाए गए यात्री डिब्बों की गहन तलाशी ली जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्षतिग्रस्त डिब्बों के स्टील के पुर्जों में कोई शव फंसा न रह गया हो।
ओडिशा के मुख्य सचिव पी.के. जेना ने रविवार को भुवनेश्वर में संवाददाताओं को बताया कि अब तक 88 शवों की पहचान की जा चुकी है और 78 शवों को उनके परिवारों को सौंप दिया गया है, जबकि 187 शवों की पहचान की जानी बाकी है।
मुख्य सचिव ने कहा कि शवों की उचित पहचान सबसे बड़ी चुनौती है।
उन्होंने कहा, ‘‘डीएनए नमूने लिये जाएंगे और मृतकों की तस्वीरें सरकारी वेबसाइट पर अपलोड की जाएंगी।’’
जेना ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की नौ टीम, ओडीआरएएफ की पांच इकाइयां और दमकल विभाग की 24 टीम बचाव अभियान में लगी थीं, जो अब पूरा हो चुका है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि रेलगाड़ियों के टकराने से पलटे सभी 21 डिब्बों को परिचालन सेवा से हटा दिया गया है और अब घटनास्थल को साफ किया जा रहा है।
हादसे के बाद से महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के बीच यात्रियों का आवागमन और माल ढुलाई बाधित हो गई है। इस हादसे को भारत की अब तक की सबसे भीषण रेल दुर्घटनाओं में से एक बताया जा रहा है।
बालासोर और अन्य स्थानीय अस्पतालों में शुरू में भर्ती किए गए कई मरीजों को छुट्टी दे दी गई है या उन्हें कटक, भुवनेश्वर और कोलकाता सहित मल्टी-स्पेशलिटी अस्पतालों में भेज दिया गया है।
अस्पतालों के प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर शवों को भी भुवनेश्वर भेज दिया गया है।
कोरोमंडल एक्सप्रेस शुक्रवार शाम करीब सात बजे ‘लूप लाइन’ पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे इसके (कोरोमंडल एक्सप्रेस के) अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए। कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे उसी समय वहां से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के कुछ डिब्बों पर पलट गए।
भाषा शफीक नरेश
नरेश