Uttarakhand News: प्रदेश के सभी जिलों में खोले जाएंगे वृद्धाश्रम, सीएम धामी का बड़ा ऐलान

Uttarakhand News: प्रदेश के सभी जिलों में खोले जाएंगे वृद्धाश्रम, सीएम धामी का बड़ा ऐलान

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  • Publish Date - September 4, 2025 / 11:56 PM IST,
    Updated On - September 5, 2025 / 12:13 AM IST

Uttarakhand News. Image Source-IBC24

देहरादून: Uttarakhand News उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के हर जिले में एक-एक वृद्धाश्रम बनाने, दिव्यांगजन से विवाह करने पर प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर 50,000 रुपये करने और कक्षा एक से आठ तक के दिव्यांग छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति हेतु आय सीमा समाप्त करने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। मुख्यमंत्री ने ये घोषणाएं वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगजनों के साथ संवाद कार्यक्रम के दौरान कीं। इस अवसर पर उन्होंने दिव्यांग शादी अनुदान एवं राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के पोर्टल की शुरुआत की और समाज कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत दी जा रही पेंशन की वित्त वर्ष 2025–26 की पांचवीं किस्त का ऑनलाइन भुगतान भी किया।

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Uttarakhand News इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में एक-एक वृद्धाश्रम की व्यवस्था की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के सभी जिलों में वृद्धाश्रमों की व्यवस्था को सुदृढ़ कर रही है। उन्होंने कहा फिलहाल बागेश्वर, चमोली और उत्तरकाशी में राजकीय वृद्धाश्रम संचालित हो रहे हैं, जबकि देहरादून, अल्मोड़ा और चंपावत में नए भवन निर्माणाधीन हैं।

इसके अतिरिक्त, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल सहित विभिन्न क्षेत्रों में गैर-सरकारी संगठनों द्वारा संचालित वृद्धाश्रम भी कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य में ‘माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम’ लागू किया गया है, जिससे बुजुर्गों को अपने बच्चों या कानूनी उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण प्राप्त करने का कानूनी अधिकार मिला है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांग युवक-युवती से विवाह करने पर प्रोत्साहन अनुदान राशि को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया जाएगा तथा दिव्यांग छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा एक से आठ तक के दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए आय सीमा समाप्त कर दी जाएगी। धामी ने कहा कि बुजुर्गों और दिव्यांगजनों से संवाद का उद्देश्य उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं को सीधे तौर पर जानना था ताकि उनके समाधान के लिए और अधिक ठोस कदम उठाए जा सकें। उन्होंने कहा कि हाल में देहरादून में ‘प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र’ की शुरुआत की गई है और भविष्य में ऐसे केंद्र हर जिले में खोले जाएंगे।