उमर ने रुबैया सईद के अपहरण पर फारूक के रुख की पुष्टि करने के लिए केरल के राज्यपाल को धन्यवाद दिया

उमर ने रुबैया सईद के अपहरण पर फारूक के रुख की पुष्टि करने के लिए केरल के राज्यपाल को धन्यवाद दिया

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  • Publish Date - March 28, 2022 / 05:22 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:35 PM IST

श्रीनगर, 28 मार्च (भाषा) नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने इस बात की पुष्टि करने के लिए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को सोमवार को धन्यवाद दिया कि जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने 1989 में रूबैया सईद के बदले आतंकवादियों को रिहा करने का विरोध किया था।

जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के आतंकवादियों ने आठ दिसंबर, 1989 को तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद का अपरहण कर लिया था।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने खान के हाल में टेलीविजन पर प्रसारित एक साक्षात्कार का वीडियो क्लिप ट्वीट किया और लिखा, ‘‘केरल के राज्यपाल को प्रणाम।’’

उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘आरिफ मोहम्मद खान साहब ने भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के समर्थन वाली वी पी सिंह सरकार के कार्यकाल के दौरान दिसंबर 1989 में जो हुआ, उसके बारे में सच्चाई बताई। तथ्य, तथ्य होते हैं, भले ही वे उस कहानी का समर्थन नहीं करते हों, जो भाजपा और उसके पारिस्थितिकी तंत्र ने गढ़ने की कोशिश की है।’’

खान टीवी पर प्रसारित साक्षात्कार की क्लिप में उस दिन की घटनाओं के बारे में बताते दिख रहे हैं, जब वह वी पी सिंह सरकार में विदेश मंत्री रहे पूर्व प्रधानमंत्री आई के गुजराल के साथ अब्दुल्ला के आवास गए थे।

खान ने साक्षात्कार में कहा, ‘‘ उनके (फारूक अब्दुल्ला) बारे में निष्पक्षता से बात की जााए, तो वह जेल में बंद कुछ आतंकवादियों को रिहा करने की आतंकवादियों की मांग के खिलाफ थे। मैंने श्री फारूक अब्दुल्ला से तत्काल कहा, ‘फारूक साहेब, मैं आपके साथ हूं और मैं आपका समर्थन करने के लिए किसी भी सीमा तक जाऊंगा’।’’

उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्हें दरकिनार कर दिया गया, क्योंकि दिल्ली की ओर से संदेश था कि आतंकवादियों को रिहा करने के लिए दबाव बनाया जाए ताकि रूबैया सईद की रिहाई सुनिश्चित की जा सके।

सरकार ने पांच आतंकवादियों शेख अब्दुल हमीद, गुलाम नबी बट, नूर मोहम्मद कलवाल, मोहम्मद अल्ताफ और मुश्ताक अहमद जरगर को रिहा किया था, जिसके बाद रुबैया सईद को अपहरण के पांच दिन बाद छोड़ दिया गया था।

भाषा सिम्मी नरेश

नरेश