मोदी ने महिला दिवस पर अपने सोशल मीडिया खाते एक दिन के लिए प्रेरक महिलाओं को सौंपने की घोषणा की

मोदी ने महिला दिवस पर अपने सोशल मीडिया खाते एक दिन के लिए प्रेरक महिलाओं को सौंपने की घोषणा की

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  • Publish Date - February 23, 2025 / 04:18 PM IST,
    Updated On - February 23, 2025 / 04:18 PM IST

नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नारी शक्ति को सलाम करने का विशेष अवसर करार देते रविवार को घोषणा की कि वे एक्‍स और इंस्‍टाग्राम जैसे अपने सोशल मीडिया खाते एक दिन के लिए कुछ ऐसी प्रेरक महिलाओं को सौंपेंगे, जिन्‍होंने अलग-अलग क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल की हैं।

आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 119वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए उन्होंने युवाओं की भागीदारी से अंतरिक्ष और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) जैसे विभिन्‍न क्षेत्रों में आ रही ‘नई क्रांति’ पर प्रकाश डाला, युवाओं से ‘एक दिन वैज्ञानिक’ के रूप में बिताने का आह्वान किया और साथ ही मोटापे की बढ़ती समस्या पर चिंता जताते हुए लोगों को इस समस्‍या से निपटने के लिए खाने के तेल में 10 प्रतिशत की कमी लाने का सुझाव भी दिया।

उन्होंने कहा कि इस बार आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर वे एक ऐसी पहल करने जा रहे है जो नारी शक्ति को समर्पित होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक्‍स और इंस्‍टाग्राम जैसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक दिन के लिए कुछ ऐसी प्रेरक महिलाओं को सौंपूंगा, जिन्‍होंने अलग-अलग क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल की हैं, नवाचार किया है या अपनी एक अलग पहचान बनाई है।’’

मोदी ने कहा कि भले ही यह मंच उनका होगा लेकिन वहां उनके अनुभव उनकी चुनौतियां और उनकी उपलब्धियों की बात होगी।

उन्होंने महिलाओं से इस प्रयोग का हिस्सा बनने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे उनकी उपलब्धियों को देश व दुनिया तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के 100वें प्रक्षेपण मिशन की सफलता को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं से ‘एक दिन वैज्ञानिक’ के रूप में बिताने का आह्वान किया ताकि विज्ञान के प्रति उनकी जिज्ञासा और बढ़े।

उन्होंने इसरो के 100वें प्रक्षेपण मिशन की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केवल एक संख्या भर नहीं है बल्कि इससे अंतरिक्ष विज्ञान में नित नयी ऊंचाइयों को छूने के भारत के संकल्प का भी पता चलता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि समय के साथ अंतरिक्ष की इस उड़ान में भारत की सफलताओं की सूची काफी लंबी होती चली गई।

उन्होंने कहा कि प्रक्षेपण यान का निर्माण हो, चंद्रयान की सफलता हो, मंगलयान हो या आदित्य एल-वन या फिर एक ही रॉकेट से एक ही बार में 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने का अभूतपूर्व मिशन हो, इसरो की सफलताओं का दायरा काफी बड़ा रहा है।

मोदी ने कहा कि बीते 10 वर्षों में ही करीब 460 उपग्रह प्रक्षेपित किए गए हैं और इनमें दूसरे देशों के भी बहुत सारे उपग्रह भेजे गए हैं।

उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नारी शक्ति की बढ़ती भागीदारी की भी सराहना की।

मोदी ने कहा कि उन्हें यह देखकर भी बहुत खुशी होती है कि आज अंतरिक्ष क्षेत्र युवाओं के लिए बहुत प्रिय बन गया है।

उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले किसने सोचा होगा कि इस क्षेत्र में स्टार्टअप और निजी क्षेत्र की अंतरिक्ष कंपनियों की संख्या सैकड़ों में हो जाएगी।

मोदी ने कहा, ‘‘हमारे जो युवा जीवन में कुछ नया करना चाहते हैं, उनके लिए अंतरिक्ष क्षेत्र एक बेहतरीन विकल्प बना है।’’

कुछ दिन के भीतर राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाए जाने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि बच्चों और युवाओं का विज्ञान में लगाव बहुत मायने रखता है।

उन्होंने उनसे आह्वान किया कि वे अपना एक दिन वैज्ञानिक के रूप में बिताकर देखें।

मोदी ने कहा, ‘‘आप अपनी सुविधा के अनुसार अपनी मर्जी के अनुसार कोई भी दिन चुन सकते हैं। उस दिन किसी रिसर्च लैब, तारामंडल या अंतरिक्ष केंद्र जरूर जाएं। इसे लेकर विज्ञान को लेकर आपकी जिज्ञासा और बढ़ेगी।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि एआई के क्षेत्र में भारत तेजी से अपनी मजबूत पहचान बना रहा है और भारत के लोग नई प्रौद्योगिकी अपनाने में किसी से पीछे नहीं हैं।

उन्‍होंने बताया कि हाल ही में जब वे एआई के एक बड़े सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए पेरिस गए तो वहां दुनिया ने इस क्षेत्र में भारत की प्रगति की सराहना की।

भारत के लोग आज एआई का इस्‍तेमाल किस-किस तरह से कर रहे हैं इसके उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के आदिलाबाद के सरकारी स्‍कूल के एक शिक्षक थोडासम कैलाश की चर्चा की।

उन्होंने बताया कि कैलाश एआई का उपयोग कोलामी बोली सहित कई अन्य जनजातीय बोलियों में गाने तैयार कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘युवाओं की भागीदारी से अंतरिक्ष और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विभिन्‍न क्षेत्रों में नई क्रांति आ रही है।’’

उन्होंने स्वस्थ देश के लिए मोटापे की समस्या से निपटने पर बल देते हुए देशवासियों से खाने के तेल की खपत में 10 प्रतिशत की कटौती करने का आह्वान किया।

उन्होंने एक शोध का हवाला देते हुए कहा कि आज हर आठ में से एक व्यक्ति मोटापे की समस्या से परेशान है और बीते कुछ वर्षों में ऐसे मामले दोगुने हो गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि बच्चों में भी मोटापे की समस्या चार गुना बढ़ गई है।’’

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में दुनिया-भर में करीब 250 करोड़ लोगों का वजन आवश्यकता से भी कहीं ज्यादा था।

उन्होंने कहा, ‘‘ये आंकड़े बेहद गंभीर हैं और हम सभी को सोचने पर मजबूर करते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिक वजन या मोटापा कई तरह की परेशानियों को, बीमारियों को भी जन्म देता है लेकिन सब मिलकर छोटे-छोटे प्रयासों से इस चुनौती से निपट सकते हैं।

उन्होंने इसका तरीका सुझाते हुए कहा, ‘‘खाने के तेल में 10 प्रतिशत की कमी करना। आप तय कर लीजिए कि हर महीने 10 प्रतिशत कम तेल उपयोग करेंगे। आप तय कर सकते हैं कि जो तेल खाने के लिए खरीदा जाता है, खरीदते समय ही अब 10 प्रतिशत कम ही खरीदेंगे।’’

मोदी ने तेल की खपत में 10 प्रतिशत की कटौती करने के साथ ही कहा कि वह 10 लोगों से ऐसा करने का अनुरोध करें और फिर वे 10 लोग अन्य 10 व्यक्तियों को ऐसा करने की चुनौती दें।

प्रधानमंत्री ने ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा और बॉक्सिंग खिलाड़ी निखत जरीन सहित कुछ अन्य हस्तियों के ऑडियो संदेश भी श्रोताओं को सुनाए और लोगों से मोटापे को कम करने या रोकने के लिए उपाय करने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों संपन्न हुए राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए उत्तराखंड और इनमें यादगार प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों की सराहना करते हुए कहा कि युवा खिलाड़ियों की दृढ़ता एवं उनके अनुशासन के साथ भारत आज वैश्विक खेल शक्ति बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने भारत के जीवंत वनस्पति और जीव–जंतुओँ का उल्लेख करते हुए कहा कि एशियाई शेर, हंगुल, पिग्मी हॉग और लॉयन टेल्ड मैकाक भारत के अलावा, विश्व में कहीं नहीं पाये जाते।

उन्होंने वन्य जीवों के संरक्षण में जनजातीय समुदाय के योगदान की सराहना की और कहा कि विभिन्न प्रयासों के कारण पिछले कुछ वर्षों में बाघो, तेंदुओं, एशियाई शेरों, गैंडों और बारहसिंघों की आबादी तेजी से बढ़ रही है

उन्होंने कहा कि भारत का हर भाग, प्रकृति के प्रति न केवल संवेदनशील है बल्कि वह वन्य जीवन के संरक्षण के प्रति वचनबद्ध भी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बोर्ड की परीक्षा में भाग ले रहे ‘एक्जाम वॉरियर्स’ को शुभकामनाएं दीं और उन्हें बगैर तनाव लिए सकारात्मक भाव के साथ अपनी परीक्षाएं दने का संदेश दिया।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र रंजन

रंजन