दाखिले के लिए स्कूल मांग रहे थे ​जाति प्रमाण पत्र, अभिभावक ने थमाया ‘जाति नहीं, धर्म नहीं’ का प्रमाण पत्र |

दाखिले के लिए स्कूल मांग रहे थे ​जाति प्रमाण पत्र, अभिभावक ने थमाया ‘जाति नहीं, धर्म नहीं’ का प्रमाण पत्र

दंपति-नरेश कार्तिक और गायत्री अपनी बेटी विल्मा को स्कूल में दाखिला दिलाना चाहते थे, लेकिन सभी स्कूलों ने जाति और धर्म प्रमाण पत्र जमा करने पर जोर दिया।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:18 PM IST, Published Date : May 30, 2022/6:41 pm IST

‘No caste no religion’ certificate: कोयंबटूर (तमिलनाडु), 30 मई । कोयंबटूर के एक दंपति ने साढ़े तीन साल की अपनी बेटी के लिए ‘कोई जाति नहीं, कोई धर्म नहीं’ का प्रमाण पत्र हासिल किया है।

दंपति-नरेश कार्तिक और गायत्री अपनी बेटी विल्मा को स्कूल में दाखिला दिलाना चाहते थे, लेकिन सभी स्कूलों ने जाति और धर्म प्रमाण पत्र जमा करने पर जोर दिया। लेकिन, दंपति ने कहा कि वे प्रमाण पत्र प्राप्त करने के इच्छुक नहीं हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी बेटी स्कूलों में प्यार और समानता सीखना चाहती है।

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‘No caste no religion’ certificate: कार्तिक के एक करीबी दोस्त ने सोमवार को बताया कि ऐसे प्रमाण पत्र के लिए जोर नहीं देने वाले शैक्षणिक संस्था की तलाश करने के बाद नरेश कार्तिक ने विभिन्न अधिकारियों से संपर्क किया और जिलाधिकारी जी. एस. समीरन से मुलाकात की।

जिलाधिकारी ने स्कूलों में दाखिले के लिए बच्चों की जाति और धर्म के प्रमाण पत्र के संबंध में तमिलनाडु सरकार के 1973 के एक आदेश का हवाला देते हुए कार्तिक को उत्तरी कोयंबटूर के तहसीलदार से संपर्क करने के लिए कहा।

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जाति और धर्म के आधार पर नहीं मिलेगा सरकारी आरक्षण

इसके बाद दंपति ने तहसीलदार से मुलाकात की, जिन्होंने एक हलफनामा देने के लिए कहा, जिसमें यह बताने को कहा गया कि अभिभावक को पता है कि ‘जाति नहीं, धर्म नहीं’ प्रमाण पत्र प्राप्त करने से उनका बच्चा जाति और धर्म के आधार पर किसी सरकारी आरक्षण या विशेषाधिकार प्राप्त करने के योग्य नहीं होगा।

कार्तिक के दोस्त ने कहा कि दंपति को प्रमाण पत्र मिल गया और इसमें उल्लेख है कि उनकी बेटी किसी जाति या धर्म से संबंधित नहीं है। कार्तिक के मुताबिक, ज्यादातर लोगों को इस तरह के प्रमाणपत्र की जानकारी नहीं है।