संसद ने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी भागीदारी के प्रावधान वाले विधेयक को मंजूरी दी

संसद ने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी भागीदारी के प्रावधान वाले विधेयक को मंजूरी दी

संसद ने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी भागीदारी के प्रावधान वाले विधेयक को मंजूरी दी
Modified Date: December 18, 2025 / 06:52 pm IST
Published Date: December 18, 2025 6:52 pm IST

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) संसद ने बृहस्पतिवार को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी भागीदारी की अनुमति देने के प्रावधान वाले विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी।

राज्यसभा ने ‘भारत के रुपांतरण के लिए नाभिकीय ऊर्जा का संधारणीय दोहन और अभिवर्द्धन (शांति) विधेयक, 2025 को चर्चा एवं परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के जवाब के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। उच्च सदन ने विपक्षी सदस्यों द्वारा पेश किए तमाम संशोधनों को भी ध्वनिमत से खारिज कर दिया।

लोकसभा इस विधेयक को कल ही पारित कर चुकी है।

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इससे पहले विधेयक पर चर्चा के दौरान जहां सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विधेयक को ऐतिहासिक और 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण करार दिया वहीं विपक्ष ने आरोप लगाया कि इसमें आपूर्तिकर्ता के उत्तरदायित्व का प्रावधान नहीं है तथा यह संवेदनशील क्षेत्र में निजी कॉरपोरेट समूहों के लिए रास्ता खोलने वाला है।

चर्चा का जवाब देते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस विधेयक में कुछ ऐसे प्रावधान हैं, जो पहले भी थे, लेकिन सत्तापक्ष का विरोध करने के चक्कर में विपक्षी सदस्य अपने समय के प्रावधानों का ही विरोध कर देते हैं।

उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र के लिए 37 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजट है।

मंत्री ने कहा, ‘‘यदि हमने 2047 तक 100 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा का लक्ष्य रखा है तो पूरा करने में परमाणु क्षेत्र महत्वपूर्ण है।’’

सिंह ने कहा कि आज की दुनिया में अलग-थलग रहने का दौर खत्म हो चुका है।

उन्होंने कहा कि उन्हीं सुरक्षा उपायों को जारी रखा गया है जो प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय अमल में आए थे।

सिंह ने यह भी कहा कि निजी क्षेत्र की भागीदारी होगी, लेकिन सुरक्षा का पूरा प्रबंध किया गया है।

मंत्री ने कहा कि नुकसान की स्थिति में संचालक को भरपाई करनी होगी तथा परमाणु उत्तरदायित्व कोष होगा।

उन्होंने कहा कि अब भारत अनुसरण नहीं करता है, बल्कि लोग भारत का अनुसरण करते हैं।

सिंह ने कहा कि वह परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में नेहरू जी के योगदान को स्वीकार करते हैं।

इससे पहले, सिंह ने विधेयक को सदन में चर्चा और पारित कराने के लिए रखते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही इस तरह के बड़े फैसले ले सकते हैं।

परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘यह एक ऐतिहासिक विधेयक है। संसद के इतिहास में वर्षों बाद कोई ऐसा क्षण आता है जब सदस्यों को ऐसा मौका मिलता है कि वे राष्ट्र की यात्रा को एक नयी दिशा दे सकें।’’

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस विधेयक को मील के पत्थर के रूप में उल्लेखित किया जाएगा।

सिंह ने कहा, ‘‘भारत की भौगोलिक स्तर पर भूमिका बढ़ रही है और ऐसे में हमें वैश्विक मानकों के अनुरूप होना होगा…दुनिया स्वच्छ ऊर्जा की तरफ बढ़ गयी है…बढ़ती ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह महत्वपूर्ण है।’’

भाषा

मनीषा माधव अविनाश

अविनाश


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