नयी दिल्ली, 29 दिसंबर (भाषा) संसद की एक समिति ने सोमवार को पूर्व सैनिकों के लिए पुनर्वास नीतियों, स्वास्थ्य सुविधाओं और अवसरों पर चर्चा की तथा पूर्व सैनिकों की सेवानिवृत्ति के बाद रोजगार की संभावनाओं के बारे में विवरण उपलब्ध कराने की मांग की।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा सांसद राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा संबंधी संसदीय स्थायी समिति की बैठक में सांसदों ने सरकारी नौकरियों में केवल 1.9 प्रतिशत पूर्व सैनिकों की भर्ती का मुद्दा उठाया, जबकि 10-25 प्रतिशत पूर्व सैनिकों को शामिल करने का प्रावधान है।
समझा जाता है कि इस समिति के सदस्य और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पूर्व सैनिकों को सैन्य अस्पतालों में इलाज कराने में आने वाली कठिनाइयों का मुद्दा उठाया।
सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने कहा कि जब पूर्व सैनिकों को निजी अस्पतालों में भेजा जाता है, तो उन्हें इलाज और प्रवेश में बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, क्योंकि कई अस्पताल यह कहते हुए इलाज से इनकार कर देते हैं कि सरकार ने पिछला बकाया नहीं चुकाया है।
माना जाता है कि गांधी ने यह मुद्दा भी उठाया कि पूर्व सैनिक कैंसर और किडनी के इलाज के लिए केवल 75,000 रुपये पाने के हकदार हैं, जो बेहद अपर्याप्त है।
सूत्रों ने बताया कि यह सवाल करते हुए कि कांग्रेस नेता ने सुझाव दिया कि इस सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए।
कुछ सदस्यों ने यह भी कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को पूर्व सैनिकों की भर्ती करनी चाहिए, क्योंकि हर साल लगभग 60,000 सैनिक सेवानिवृत्त होते हैं, लेकिन उनका पुनर्वास सुनिश्चित नहीं किया जा रहा है।
भाषा हक
हक दिलीप
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