A chapter of separatist politics ends with the death of Syed Ali Shah

सैयद अली शाह गिलानी के निधन के साथ ही अलगाववादी राजनीति के एक अध्याय का अंत

सैयद अली शाह गिलानी के निधन के साथ ही अलगाववादी राजनीति के एक अध्याय का अंत A chapter of separatist politics ends with the death of Syed Ali Shah Geelani

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : September 2, 2021/10:29 am IST

Syed Ali Shah Geelani
श्रीनगर, दो सितंबर (भाषा) पाकिस्तान समर्थक सैयद अली शाह गिलानी के निधन के साथ ही कश्मीर में भारत-विरोधी और अलगाववादी राजनीति के एक अध्याय का अंत हो गया।

पढ़ें- ‘तिरंगा यात्रा’ में शामिल हुए कई लोगों के महंगे मोबाइल पार.. फिरोज पर फूटा भीड़ का गुस्सा

जम्मू-कश्मीर में तीन दशकों से अधिक समय तक अलगाववादी मुहिम का नेतृत्व करने वाले गिलानी का जन्म 29 सितंबर 1929 को बांदीपुरा जिले के एक गांव में हुआ था। उन्होंने लाहौर के ‘ओरिएंटल कॉलेज’ से अपनी पढ़ाई पूरी की। ‘जमात-ए-इस्लामी’ का हिस्सा बनने से पहले उन्होंने कुछ वर्ष तक एक शिक्षक के तौर पर नौकरी की।

पढ़ें- पत्नी ने लगाया धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित करने का आरोप, पति समेत 3 गिरफ्तार

कश्मीर में अलगाववादी नेतृत्व का एक मजूबत स्तंभ माने जाने वाले गिलानी भूतपूर्व राज्य में सोपोर निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे। उन्होंने 1972, 1977 और 1987 में विधानसभा चुनाव जीता हालांकि,1990 में कश्मीर में आतंकवाद बढ़ने के बाद वह चुनाव-विरोधी अभियान के अगुवा हो गए।

पढ़ें- अलीगढ़ का नाम ‘हरिगढ़’.. अमेरिकी उद्योगपति ने नाम बदलने की कोशिश का किया विरोध

वह हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के संस्थापक सदस्यों में से एक थे, जो 26 पार्टियों का अलगाववादी गठबंधन था। लेकिन बाद में उन नरमपंथियों ने इस गठबंधन से नाता तोड़ लिया था, जिन्होंने कश्मीर समस्या के समाधान के लिए केन्द्र के साथ बातचीत की

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers