भारत के सबसे भारी रॉकेट एलवीएम3 की पेलोड क्षमता को सफल इंजन परीक्षण के साथ बढ़ाया गया

भारत के सबसे भारी रॉकेट एलवीएम3 की पेलोड क्षमता को सफल इंजन परीक्षण के साथ बढ़ाया गया

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  • Publish Date - November 10, 2022 / 03:27 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:57 PM IST

बेंगलुरु, 10 नवंबर (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार इंजन के सफल परीक्षण के साथ भारत के सबसे भारी रॉकेट एलवीएम3 की पेलोड क्षमता को 450 किलोग्राम तक बढ़ाया गया है।

इसरो ने एक बयान में कहा कि एलवीएम3 (लॉन्च व्हीकल मार्क 3) के लिए देश में विकसित सीई20 क्रायोजेनिक इंजन का नौ नवंबर को पहली बार 21.8 टन के अपरेटेड थ्रस्ट स्तर पर एक कामयाब परीक्षण किया गया। बयान में कहा गया कि इससे अतिरिक्त प्रणोदक के वजन के साथ एलवीएम 3 पेलोड की क्षमता 450 किलोग्राम तक बढ़ जाएगी।

इसरो ने कहा कि पिछले इंजन की तुलना में इस परीक्षण में किए गए प्रमुख संशोधनों में नियंत्रण के लिए थ्रस्ट कंट्रोल वाल्व (टीसीवी) की शुरूआत की गई।

बयान में कहा गया, ‘‘इसके अलावा, 3डी प्रिंटेड एलओएक्स और एलएच2 टर्बाइन एग्जॉस्ट केसिंग को पहली बार इंजन में शामिल किया गया। परीक्षण के दौरान, 20 टन थ्रस्ट स्तर के साथ संचालित किया गया, फिर थ्रस्ट कंटोल वॉल्व स्तर को बढ़ाकर 21.8 टन कर दिया गया।’’

इसरो ने कहा, ‘‘परीक्षण के दौरान इंजन और इस सुविधा का प्रदर्शन सामान्य था और आवश्यक मापदंडों को प्राप्त किया गया।’’ एलवीएम 3, दो ठोस मोटर स्ट्रैप-ऑन, एक तरल प्रणोदक कोर चरण और एक क्रायोजेनिक चरण के साथ तीन-चरणीय वाहन है, जो जियोसिंक्रोनस स्थानांतरण कक्षा में चार-टन वर्ग के उपग्रह को ले जाने में सक्षम है।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश