‘गहलोत की नेता वसुधंरा’ से जुड़ी पायलट की टिप्पणी मजाकिया लगती है : खेड़ा

‘गहलोत की नेता वसुधंरा’ से जुड़ी पायलट की टिप्पणी मजाकिया लगती है : खेड़ा

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  • Publish Date - May 10, 2023 / 03:11 PM IST,
    Updated On - May 10, 2023 / 03:11 PM IST

नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने बुधवार को कहा कि उन्हें राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की वह टिप्पणी मजाकिया लगती है जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का हालिया भाषण यह दर्शाता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं, बल्कि वसुंधरा राजे हैं।’’

खेड़ा ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान, पायलट के बयान के संदर्भ में पूछे जाने पर यह भी कहा कि कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर रंधावा जब चर्चा के बाद किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे तो मीडिया के साथ उसे साझा करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘(राजस्थान में) कुछ समाधान करने लायक तो है नहीं….मजाक में कुछ कह दें तो मजाक का थोड़े ही समाधान निकाला जाता है। मजाक की बात पर कभी मजाक में ही जवाब मिल जाएगा।’’

इस बारे में विस्तृत प्रतिक्रिया मांगे जाने पर खेड़ा ने फिर कहा, ‘‘मुझे बात (पायलट की टिप्पणी) सुनकर हंसी आई… तो मुझे लगा कि हो सकता है कि उन्होंने मजाक किया होगा।’’

पायलट की प्रस्तावित यात्रा पर उनका कहना था, ‘‘यह सब प्रभारी के संज्ञान में होता है। प्रभारी सबसे चर्चा करते हैं। किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद जो सार्वजनिक करना है उसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा।’’

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा था कि गहलोत का हालिया भाषण दर्शाता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं, बल्कि वसुंधरा राजे हैं।

पायलट ने गहलोत के उन आरोपों का पुरजोर खंडन किया था कि 2020 में उनके (गहलोत के) खिलाफ बगावत करने वाले विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से पैसे लिये थे और उन्हें (विधायकों को) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता अमित शाह को पैसे वापस कर देने चाहिए।

इसके साथ ही पायलट ने विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत व पार्टी आलाकमान पर दबाव बढ़ाते हुए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर 11 मई से अजमेर से जयपुर तक ‘जनसंघर्ष पदयात्रा’ निकालने की भी घोषणा की थी। कांग्रेस नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री जिस तरह से आरोप लगा रहे हैं, वह गंभीर राजनीति कदापि नहीं है।

भाषा हक हक अविनाश

अविनाश