Constitutional Amendment Bill 2025 : 30 दिन जेल में बिताने पर जाएगी पीएम-सीएम और मंत्रियों की कुर्सी, शशि थरूर ने किया नए कानून का समर्थन

Constitutional Amendment Bill 2025: यह प्रस्तावित किया गया है कि प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और मंत्री तक, अगर कोई भी मंत्री गिरफ्तार होता है और लगातार 30 दिनों से ज़्यादा समय तक न्यायिक हिरासत में जेल में रहता है, तो उसे 31वें दिन इस्तीफ़ा देना होगा

Constitutional Amendment Bill 2025 : 30 दिन जेल में बिताने पर जाएगी पीएम-सीएम और मंत्रियों की कुर्सी, शशि थरूर ने किया नए कानून का समर्थन

130th Constitutional Amendment Bill 2025

Modified Date: August 20, 2025 / 06:21 pm IST
Published Date: August 20, 2025 6:19 pm IST
HIGHLIGHTS
  • विपक्षी दल कर रहे बिल का विरोध
  • केसी वेणुगोपाल और अमित शाह के बीच तीखी बहस
  • जेपीसी को भेजे गए तीनों विधेयक
  • कांग्रेस और शशि थरूर के संबंधो में लगातार आ रही गिरावट

नईदिल्ली: 130th Constitutional Amendment Bill 2025, गृह मंत्री अमित शाह ने आज संसद में 130वां संविधान संशोधन विधेयक 2025 पेश किया गया। इस बिल में यह प्रस्तावित किया गया है कि प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और मंत्री तक, अगर कोई भी मंत्री गिरफ्तार होता है और लगातार 30 दिनों से ज़्यादा समय तक न्यायिक हिरासत में जेल में रहता है, तो उसे 31वें दिन इस्तीफ़ा देना होगा या उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा। इस बिल का कांग्रेस समेत पूरा विरोध कर रहा है।

Constitutional Amendment Bill 2025: वहीं कई मौकों पर पार्टी लाइन से हटकर बयान देने वाले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक बार फिर अपनी पार्टी लाइन से हटकर बड़ा बयान दिया है। शशि थरूर ने दागी मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और मंत्रियों को जबरन हटाने संबंधी प्रस्तावित बिल का समर्थन किया है। मीडिया से बात करते हुए थरूर ने कहा, “अगर आप 30 दिन जेल में बिताएँ, तो क्या आप मंत्री बने रह सकते हैं? यह सामान्य ज्ञान की बात है… मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता।”

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह विधेयक को पेश करने के बाद संसद की एक संयुक्त समिति को बिल भेज दिया गया है। इस पर थरूर ने कहा कि अगर इस बिल को अध्ययन के लिए समिति के पास भेजा जाता है, तो यह अच्छी बात होगी। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि समिति के भीतर चर्चा होना हमारे लोकतंत्र के लिए अच्छा है… तो चलिए, इस पर चर्चा करते हैं।”

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विपक्षी दल कर रहे बिल का विरोध

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार या हिरासत में लिये जाने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाने का प्रावधान करने के लिए बुधवार को संसद में विधेयक पेश किया गया है, जिसका विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं।

विधेयक की कड़ी आलोचना करने वालों में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा सबसे आगे हैं। प्रियंका ने इस कठोर बिल की आलोचना करते हुए कहा, “कल, आप किसी मुख्यमंत्री के ख़िलाफ कोई भी मामला दर्ज कर सकते हैं, उसे बिना दोषसिद्धि के 30 दिनों के लिए गिरफ़्तार कर सकते हैं… और फिर वह मुख्यमंत्री नहीं रहेगा? यह पूरी तरह से संविधान-विरोधी है।”

कांग्रेस और शशि थरूर के संबंधो में लगातार आ रही गिरावट

आपको बता दें कि कांग्रेस के साथ अपने संबंधों को लेकर चर्चा में बने शशि थरूर ने सोमवार को भी तब सभी लोगों को हैरान कर दिया था, जब उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पर संसद में विशेष चर्चा में शामिल न होने के लिए कांग्रेस पर कटाक्ष किया। शशि थरूर और कांग्रेस के संबंध 2021 से हिचकोले ले रहे हैं, जब वह पार्टी में असंतुष्टों के एक समूह, यानी जी-23 में शामिल हो गए थे और गांधी परिवार के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। उसके बाद हाल के दिनों में खासकर पहलगाम हमले के बाद हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद से कांग्रेस नेतृत्व से उनके संबंध काफी खराब हो गए हैं। केंद्र सरकार ने उन्हें ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के लिए विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया था।

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केसी वेणुगोपाल और अमित शाह के बीच तीखी बहस

Constitutional Amendment Bill 2025: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से पेश किए गए विधेयकों का उद्देश्य यह है कि अगर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य के मुख्यमंत्री या केंद्र शासित प्रदेश के मंत्री को गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार या हिरासत में लिया जाता है तो उन्हें उनके पद से हटाया जा सके। इसका विपक्ष की ओर से विरोध किया जा रहा है।

वेणुगोपाल ने अमित शाह के गुजरात के दिनों का हवाला देकर उनकी नैतिकता पर सवाल उठाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि “मुझे एक मनगढ़ंत मामले में फँसाया गया था, फिर भी मैंने अपनी गिरफ्तारी से पहले ही पद छोड़ दिया और अदालत द्वारा बरी किए जाने तक कभी कोई संवैधानिक पद नहीं संभाला। और आपको लगता है कि आप मुझे नैतिकता का पाठ पढ़ा सकते हैं?”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीनों विधेयकों को संयुक्त संसदीय समिति को भेजने की सिफारिश की। इस दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष की ओर से बिल की कॉपी फाड़कर केंद्रीय गृह मंत्री की ओर फेंकी गई। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने हंगामा कर रहे विपक्षी सांसदों को फटकार लगाई।

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जेपीसी को भेजे गए तीनों विधेयक

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से पेश संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 को संयुक्त संसदीय समिति को भेजने का प्रस्ताव पेश किया गया। लोकसभा से तीनों विधेयकों को संयुक्त संसदीय समिति को भेजने का प्रस्ताव पास किया गया।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com