एक जैसी वर्दी पहनेगी पूरे देश की पुलिस! पीएम मोदी ने चिंतन शिविर मे दिया ‘एक राष्ट्र, एक वर्दी’ का विचार

उन्होंने कहा कि सहकारी संघवाद ना सिर्फ संविधान की भावना है बल्कि यह केंद्र और राज्यों की जिम्मेदारी भी है।

एक जैसी वर्दी पहनेगी पूरे देश की पुलिस! पीएम मोदी ने चिंतन शिविर मे दिया ‘एक राष्ट्र, एक वर्दी’ का विचार
Modified Date: November 29, 2022 / 07:45 pm IST
Published Date: October 28, 2022 1:44 pm IST

‘One Nation one Uniform’ for Police: सूरजकुंड (हरियाणा), 28 अक्टूबर।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को पुलिस के लिए ‘‘एक राष्ट्र, एक वर्दी’’ का विचार प्रस्तुत किया और कहा कि यह उनकी तरफ से एक विचार मात्र है और वह इसे राज्यों पर थोपने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। यहां आयोजित राज्यों के गृह मंत्रियों के दो दिवसीय ‘‘चिंतन शिविर’’ को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए राज्यों के बीच निकट सहयोग की वकालत की।

उन्होंने कहा कि सहकारी संघवाद ना सिर्फ संविधान की भावना है बल्कि यह केंद्र और राज्यों की जिम्मेदारी भी है।

पुलिस के लिए ‘एक राष्ट्र, एक वर्दी’ सिर्फ एक विचार

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पुलिस के लिए ‘एक राष्ट्र, एक वर्दी’ सिर्फ एक विचार है। मैं यह आप सभी पर थोपने की कोशिश नहीं रहा। इसके बारे में आप सोचिए। यह 5, 50 या सौ सालों में हो सकता है। लेकिन हमें इसके बारे में विचार करना चाहिए।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि देश भर में पुलिस की पहचान एक जैसी हो सकती है।

 ⁠

उन्होंने सभी राज्य सरकारों से पुराने कानूनों की समीक्षा करने और आज के संदर्भ में उनमें सुधार करने का आग्रह किया। उन्होंने कानून-व्यवस्था और सुरक्षा की उभरती चुनौतियों के समाधान के लिए सभी एजेंसियों के बीच समन्वित कार्रवाई की भी गुजारिश की।

‘One Nation one Uniform’ for Police: मोदी ने कहा कि पुलिस के बारे में अच्छी धारणा बनाए रखना ‘‘बहुत महत्वपूर्ण’’ है और इस राह में जो खामियां विद्यमान हैं, उन्हें दूर किया जाना चाहिए।

read more: दिल्ली में बाइक सवार से मामूली विवाद के बाद युवक ने किया कुछ ऐसा, वीडियो देख रह जायेंगे हैरान

प्रधानमंत्री ने कहा कि यद्यपि संविधान के हिसाब से कानून-व्यवस्था राज्यों का विषय है लेकिन यह देश की एकता और अखंडता से भी उतना ही जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘हर एक राज्य एक दूसरे से सीखे, एक दूसरे से प्रेरणा ले और आंतरिक सुरक्षा के लिए मिलकर काम करे। आंतरिक सुरक्षा के लिए राज्यों का साथ मिलकर काम करना संवैधानिक अनिवार्यता है और साथ ही देश के प्रति जिम्मेदारी भी है।’’

बेहतर परिणाम सामने आए और आम जन को सुरक्षा मिले

प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी एजेंसियों को, वह चाहे केंद्र की हों या राज्यों की, सभी को एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए ताकि दक्षता बढ़े, बेहतर परिणाम सामने आए और आम जन को सुरक्षा मिले।

उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध विकास से है, अत: शांति बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब देश का सामर्थ्य बढ़ेगा तो देश के हर नागरिक व हर परिवार का सामर्थ्य बढ़ेगा। यही तो सुशासन है, जिसका लाभ देश के हर राज्य को समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना है।’’

मोदी ने कहा कि कानून-व्यवस्था के पूरे तंत्र के लिए भरोसेमंद होना बहुत महत्वपूर्ण है और इसके लिए आम जन से पुलिस का संबंध और संवाद बेहतर होना चाहिए ताकि उनके बारे में अच्छी धारणा बने।

read more: देश में बर्ड फ्लू की दस्तक! 20 हजार से ज्यादा पक्षियों को मारने का आदेश, यहां की सरकार ने लिया फैसला

मोदी ने कहा कि पिछले वर्षों में भारत सरकार के स्तर पर कानून व्यवस्था से जुड़े सुधार हुए हैं, जिसने पूरे देश में शांति का वातावरण बनाने का काम किया है।

स्मार्ट प्रौद्योगिकी से कानून-व्यवस्था को स्मार्ट बना पाना संभव

उन्होंने कहा, ‘‘हमें प्रौद्योगिकी के लिए एक साझा मंच के बारे में सोचने की जरूरत है जिसे सभी के द्वारा साझा किया जा सके। राज्यों की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को भी एक दूसरे से साझा किया जा सकता है। साइबर अपराध हो या फिर ड्रोन प्रौद्योगिकी का हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी में उपयोग, इनके लिए हमें नई प्रौद्योगिकी पर काम करते रहना होगा। स्मार्ट प्रौद्योगिकी से कानून-व्यवस्था को स्मार्ट बना पाना संभव होगा।’’

फर्जी खबरों के प्रवाह का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि ऐसी खबरों की सच्चाई सामने लाया जाना आवश्यक है और इसमें प्रौद्योगिकी की बड़ी भूमिका है।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी खबरों को जाचंने की प्रक्रिया या तंत्र के बारे में लोगों को जागरूक किया जाना जरूरी है ताकि किसी और से साझा करने से पहले वह उसे जांच सकें।’’

read more: ग्लोबल हेल्थ ने आईपीओ के लिए मूल्य दायरा 319-336 रुपये प्रति शेयर तय किया

इस शिविर में राज्यों के गृह मंत्रियों के अलावा वहां के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और केंद्रीय सुरक्षा बलों के महानिदेशक भी शामिल हुए।

यह दो दिवसीय चिंतन शिविर प्रधानमंत्री द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में घोषित ‘पंच प्राण’ के अनुसार आंतरिक सुरक्षा से संबंधित मामलों पर नीति निर्माण को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करने का एक प्रयास है। इसका उद्देश्य सहकारी संघवाद की भावना से केंद्र और राज्य स्तर पर विभिन्न हितधारकों के बीच योजनाओं के क्रियान्वयन में अधिक तालमेल बिठाना है।

शिविर में पुलिस बलों के आधुनिकीकरण, साइबर अपराध प्रबंधन, आपराधिक न्याय प्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के बढ़ते उपयोग, भूमि सीमा प्रबंधन, तटीय सुरक्षा, महिला सुरक्षा, मादक पदार्थों की तस्करी जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com