PM Modi Vande Mataram Speech. Image Source- IBC24
नई दिल्लीः PM Modi Vande Mataram Speech देश की संसद में सोमवार को वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर हो रहे खास चर्चा में एक दिलचस्प किस्सा देखने को मिला। प्रधानमंत्री मोदी और टीएमसी सांसद सौगत रॉय के बीच बंकिम चंद्र चटर्जी को बंकिम दा या बंकिम बाबू कहने पर टोका-टाकी हो गई। दरअसल, पीएम मोदी संसद में वंदे मातरम् पर चर्चा के दौरान बंकिम चंद्र चटर्जी को बंकिम दा कह रहे थे। ऐसे में टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने उन्हें टोंकते हुए कहा कि उन्हें बंकिम बाबू कहिए। उनके ऐसा कहते ही पीएम मोदी खुद को करेक्ट करते हुए टीएमसी सांसद को शालीनता से थैंक्यू कहा और फिर चुटकी लेते हुए बोले, “आपको तो दादा कह सकता हूं न? कहीं आपको न उसमें ऐतराज न हो जाए।”
Modi insulted Bankim Chandra Chatterjee in the Parliament.
He was referring him aa ‘da’, then an MP from opposition corrected him that he should say ‘Bankim Babu’ not ‘da’.
Modi realised his mistake and instead of saying sorry, he said Thankyou Thankyou…. pic.twitter.com/remGphGkD7
— Shantanu (@shaandelhite) December 8, 2025
PM Modi Vande Mataram Speech पीएम मोदी ने कहा, जब वंदे मातरम के 100 साल पूरे हुए थे, तब देश आपातकाल के जाल में जकड़ा हुआ था। उस समय संविधान का गला घोंट दिया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर कहा, “यही वंदे मातरम् है जिसने 1947 में देश को आज़ादी दिलाई। स्वतंत्रता संग्राम का भावात्मक नेतृत्व इस वंदे मातरम् के जयघोष में था… यहां कोई पक्ष-प्रतिपक्ष नहीं है, हम सबके लिए यह रण स्वीकार करने का अवसर है, जिस वंदे मातरम् के कारण हमारे लोग आजादी का आंदोलन चला रहे थे उसी का परिणाम है कि आज हम सब यहां बैठे हैं।”
पीएम मोदी ने एक घंटे की स्पीच में वंदे मातरम् 121 बार, देश 50, भारत 35, अंग्रेज 34, बंगाल 17, कांग्रेस का 13 बार जिक्र किया। उन्होंने वंदे मातरम् के रचयिता बंकिम चंद्र चटर्जी का नाम 10 बार, नेहरू 7 बार, महात्मा गांधी 6 बार, मुस्लिम लीग 5 बार, जिन्ना 3 बार,संविधान 3 बार, मुसलमान 2 बार, तुष्टिकरण 3 बार कहा।मोदी ने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना ने लखनऊ से 15 अक्टूबर 1936 को वंदे मातरम् के खिलाफ नारा बुलंद किया। कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू को अपना सिंहासन डोलता दिखा। PM ने कहा कि बजाय इसके कि नेहरू मुस्लिम लीग के आधारहीन बयानों को करारा जबाब देते, उसकी निंदा करते, लेकिन उल्टा हुआ। उन्होंने वंदे मातरम् की ही पड़ताल शुरू कर दी।
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