जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर दिक्कतें : क्षतिग्रस्त सड़क और खराब प्रबंधन के कारण यात्रा का समय बढ़ा

जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर दिक्कतें : क्षतिग्रस्त सड़क और खराब प्रबंधन के कारण यात्रा का समय बढ़ा

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  • Publish Date - September 13, 2025 / 07:41 PM IST,
    Updated On - September 13, 2025 / 07:41 PM IST

(तारिक सोफी)

जम्मू, 13 सितंबर (भाषा) जम्मू क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण जीवनरेखा माना जाने वाला 270 किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग यात्रियों के लिए परेशानी और हताशा का कारण बन गया है क्योंकि तीन सप्ताह पहले जो यात्रा लगभग पांच घंटे की होती थी, वह अब क्षतिग्रस्त सड़क और खराब प्रबंधन के कारण 12 घंटे से अधिक समय में पूरी हो पा रही है।

साल भर कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला यह एकमात्र राजमार्ग 26 और 27 अगस्त को हुई रिकॉर्ड बारिश के बाद कई जगहों पर, खासकर नाशरी और उधमपुर के बीच के हिस्से में, बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।

हालांकि, वाहनों की सुचारू आवाजाही में सड़क का खस्ताहाल होना ही एकमात्र बाधा नहीं है।

इस मुख्य मार्ग से गुजरने वाले यात्रियों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि तीन दिन पहले राजमार्ग को फिर से खोलने के बाद अधिकारियों ने एकतरफा यातायात व्यवस्था लागू की थी, लेकिन उचित प्रबंधन की कमी ने परेशानी को और बढ़ा दिया है।

ट्रक चालकों, जिन्हें आधिकारिक तौर पर फिलहाल इस सड़क पर चलने की अनुमति नहीं है, ने राजमार्ग के एक तरफ के हिस्से को लगभग पूरी तरह से जाम कर दिया है। क्षतिग्रस्त हिस्सों पर लगातार काम के कारण यातायात में भारी रुकावट आ रही है।

लेन अनुशासन की पूरी तरह से अनदेखी, लापरवाही से वाहनों को ओवरटेक करना तथा यातायात नियमों का लगभग पालन नहीं होने के कारण स्थिति और भी बदतर हो गई है।

हालांकि, यात्रियों ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की सराहना की, जिसने उधमपुर जिले में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त बल्ली नाला और थरेड के बीच एक वैकल्पिक रास्ता बनाने में कामयाबी हासिल की है, जहां राजमार्ग के दोनों हिस्से पूरी तरह से इस्तेमाल के लायक नहीं हैं।

थरेड के पास परिचालन की निगरानी कर रहे एनएचएआई के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘सतह अब भी पूरी तरह से स्थिर नहीं है और हमें यातायात चालू रखने के लिए अपने कर्मचारियों तथा मशीनों को तैयार रखना होगा।’’

उन्होंने कहा कि नाशरी और उधमपुर के बीच चार जगहों पर, खासकर समरोली इलाके में, जहां राजमार्ग के कुछ हिस्से बह गए हैं और पीराह के पास बड़े भूस्खलन के कारण सुरंग का एक हिस्सा पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है।

एनएचएआई अधिकारी ने कहा, ‘‘राजमार्ग को पूरी तरह से बहाल करने में महीनों लगेंगे। जहां सड़क बह गई है, वहां स्थिति सामान्य करने में कम से कम तीन महीने लगेंगे।’’

अपने परिवार के साथ यात्रा कर रहे डॉक्टर मोहम्मद अल्ताफ ने कहा, ‘‘जो पांच घंटे की सुगम यात्रा हुआ करती थी, वह अब एक दुःस्वप्न में बदल गई है… हम शुक्रवार सुबह 8:30 बजे श्रीनगर से जम्मू के लिए निकले, यह जानते हुए कि यातायात सलाह के अनुसार विपरीत दिशा से यातायात प्रतिबंधित है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘काजीगुंड सेक्टर में सैकड़ों ट्रकों के कारण मार्ग अवरुद्ध मिला। लेन अनुशासन के अभाव में, इस सड़क पर चलना बेहद खतरनाक हो गया है।’’

अल्ताफ ने बताया कि उन्हें बनिहाल-रामबन सेक्टर में कई किलोमीटर तक राजमार्ग पर विपरीत दिशा में गाड़ी चलानी पड़ी क्योंकि ‘‘वहां कोई ‘डायवर्जन’ साइन बोर्ड या यातायात पुलिस का कोई दिशा-निर्देशक नहीं था।’’

चंडीगढ़ जा रहे जसबीर सिंह के अनुसार, चालकों के धैर्य की असली परीक्षा पीराह पार करके नाशरी की ओर जाने के बाद शुरू होती है, जहां यातायात बहुत धीमी गति से चल रहा है और सड़क रखरखाव एजेंसी बार-बार जरूरी कामों के लिए इस हिस्से को बंद कर देती है।

सिंह ने बताया कि वह पूर्वाह्न लगभग 11:30 बजे नाशरी पहुंचे और शाम लगभग 7:30 बजे तीन किलोमीटर का रास्ता पार कर पाए।

भाषा शफीक नेत्रपाल

नेत्रपाल