प्रदर्शनकारी पहलवान ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे खेल की महत्ता कम हो : ठाकुर |

प्रदर्शनकारी पहलवान ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे खेल की महत्ता कम हो : ठाकुर

प्रदर्शनकारी पहलवान ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे खेल की महत्ता कम हो : ठाकुर

:   Modified Date:  May 31, 2023 / 08:29 PM IST, Published Date : May 31, 2023/8:29 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 31 मई (भाषा) प्रदर्शनकारी पहलवानों द्वारा हरिद्वार में गंगा नदी में अपने पदक प्रवाहित करने की घोषणा के एक दिन बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से बुधवार को कहा कि वे ऐसा कोई भी कदम न उठाएं जिससे खेल की महत्ता कम हो।

साथ ही उन्होंने कहा कि पहलवानों के आरोपों की जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) चुनाव कराएगा और एक नए निकाय का चुनाव जल्द ही किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने पद छोड़ दिया है और डब्ल्यूएफआई कोई निर्णय नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा गठित प्रशासकों की समिति हर दिन के फैसले ले रही है।

ठाकुर ने पहलवानों से धैर्य और उच्चतम न्यायालय, खेल मंत्रालय तथा दिल्ली पुलिस पर विश्वास रखने का अनुरोध किया जो डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच कर रहे हैं।

खेल मंत्री ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा, ‘‘मैं पहलवानों से आग्रह करता हूं कि वे जांच के नतीजे आने तक धैर्य रखें। मैं उनसे यह भी अपील करता हूं कि वे ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे खेल की महत्ता कम हो।’’

उन्होंने कहा कि खेल मंत्रालय ने पहलवानों की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की थी और जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने ‘‘देश में खिलाड़ियों की उम्मीदों को पूरा करने तथा खेलों को मजबूत करने में मदद करने के लिए’’ सरकार द्वारा उठाए कदम भी गिनाए।

उनकी यह टिप्पणियां तब आयी है जब साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित देश के शीर्ष पहलवान मंगलवार को गंगा नदी में अपने पदक बहाने सैकड़ों समर्थकों के साथ उत्तराखंड में ‘हर की पौड़ी’ पहुंचे थे लेकिन खाप और किसान नेताओं ने उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए राजी कर लिया था।

प्रदर्शनकारी पहलवान सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, जिन पर कई महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है।

ठाकुर ने कहा कि कुछ पहलवानों की शिकायत के बाद इस मुद्दे पर गौर करने के लिए उनसे विचार-विमर्श कर फौरन एक समिति गठित की गयी। उन्होंने कहा कि पहलवानों के निष्पक्ष जांच के अनुरोध के बाद सदस्यों को इसमें शामिल किया गया। समिति ने अपनी रिपोर्ट दी और प्राथमिकी दर्ज की गयी जिसके बाद वे उच्चतम न्यायालय गए जिसने उन्हें मजिस्ट्रेट के पास जाने के लिए कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘जो भी उन्होंने कहा, हमने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी लेकिन विमर्श की दिशा बदल दी गयी। हमने खुले दिमाग से उन्हें सुना।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मामले में जांच जारी है। उन्होंने कहा कि जब भी पूर्व में ऐसा कोई आरोप लगाया गया है तो जांच की गयी है और उसके बाद उचित कार्रवाई की गयी है।

उन्होंने कहा, ‘‘जांच पूरी होने दीजिए। अगर फिर भी उन्हें लगता है तो वे उसके बाद प्रदर्शन कर सकते हैं। लेकिन उन्हें उच्चतम न्यायालय, पुलिस, खेल मंत्रालय पर भरोसा रखना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी चाहते हैं कि खिलाड़ियों द्वारा गये उठाए मसलों पर निष्पक्ष जांच हो और उसके बाद उचित कार्रवाई की जाए। पुलिस जांच कर रही है और उन्हें जांच का इंतजार करना चाहिए तथा धैर्य रखना चाहिए।’’

ठाकुर ने कहा कि खिलाड़ियों को ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जो खिलाड़ियों तथा खेल की महत्ता को कम करता हो क्योंकि कई उभरते खिलाड़ी एशियाई खेलों के लिए तैयारी कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकार जांच नियमों और कानून के अनुसार की जाएगी और जांच पूरी होने के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी।’’

पहलवानों के प्रदर्शन का राजनीतिकरण करने पर मंत्री ने कहा कि खिलाड़ियों ने जनवरी में खुद कहा था कि उनका मंच राजनीति करने के लिए नहीं है और वे नहीं चाहते कि कोई उनके मुद्दे पर राजनीति करें।

उन्होंने कहा कि हालांकि, बाद में कई राजनीतिक दलों और श्रमिक संघों ने उनके मंच पर आना शुरू कर दिया।

ठाकुर ने कहा, ‘‘मैं इस पर टिप्पणी करना नहीं चाहता कि कौन उनके मंच पर आया। लेकिन मैं खिलाड़ियों से अनुरोध करूंगा कि वे दिल्ली पुलिस की जांच पर भरोसा रखें, उसने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज की है।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘यह उचित होगा कि वे ऐसा कोई कदम न उठाएं जो किसी खिलाड़ी या खेल को नुकसान पहुंचाए। हम सभी खेल तथा खिलाड़ियों के पक्ष में हैं। हम सभी खेलों को बढ़ावा देना चाहते हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में खेल आगे बढ़े हैं तथा उसका बजट और उपलब्धियां भी बढ़ी है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने खेल का बजट 874 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,782 करोड़ रुपये कर दिया है और सरकार ‘खेलों इंडिया’ तथा टॉप्स जैसी योजनाएं लेकर आयी जिसने खिलाड़ियों को पदक लाने में मदद की।’’

ठाकुर ने कहा कि भारत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे खिलाड़ियों के सपनों को साकार करने के लिए 2,700 करोड़ रुपये की लागत से 300 बड़े खेल सुविधा केंद्र बनाए जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम और प्रयास करना चाहते हैं, हम देश को खेल के क्षेत्र में मजबूत बनाना चाहते हैं।’’

भाषा गोला देवेंद्र

देवेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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