पंजाब के मुख्यमंत्री बने चन्नी, पानी की मुफ्त आपूर्ति करने समेत कई घोषणाएं कीं |

पंजाब के मुख्यमंत्री बने चन्नी, पानी की मुफ्त आपूर्ति करने समेत कई घोषणाएं कीं

पंजाब के मुख्यमंत्री बने चन्नी, पानी की मुफ्त आपूर्ति करने समेत कई घोषणाएं कीं

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : September 20, 2021/6:59 pm IST

चंडीगढ़, 20 सितंबर (भाषा) पंजाब में कांग्रेस विधायक दल के नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और कार्यभार संभालने के साथ ही उन्होंने छोटे मकानों के लिए पानी की मुफ्त आपूर्ति, बिजली के बिल में कमी करने और ‘आम आदमी’ को पारदर्शी सरकार देने का वादा किया।

चन्नी पंजाब में मुख्यमंत्री बनने वाले दलित समुदाय के पहले व्यक्ति हैं। उनके साथ सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओम प्रकाश सोनी ने भी मंत्री पद की शपथ ली, जो राज्य के उप मुख्यमंत्री होगें। रंधावा जट सिख और सोनी हिंदू समुदाय से आते हैं। राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने तीनों नेताओं को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

शपथ ग्रहण के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में 58 वर्षीय चन्नी ने किसान आंदोलन का पूरा समर्थन किया और कहा कि केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन ‘काले कानूनों’ के खिलाफ किसानों के आंदोलन के साथ मजबूती से खड़ी है।

मुख्यमंत्री ने खुद को ‘आम आदमी’ और गरीब इंसान करार दिया तथा मुख्यमंत्री बनाने के लिए कांग्रेस आलाकमान और विशेषकर राहुल गांधी का धन्यवाद किया।

उन्होंने खुद के एक बेहद गरीब परिवार में पैदा होने तथा अपने माता-पिता के संघर्ष भरे जीवन का उल्लेख करते हुए कहा कि देश के ‘क्रांतिकारी नेता’ राहुल गांधी ने एक गरीब के बेटे को बहुत बड़ा सम्मान दिया है। इस दौरान वह भावुक भी हो गए।

चन्नी के मुताबिक, एक समय ऐसा भी था कि वह रिक्शा चलाते थे। उन्होंने खुद को ‘आम आदमी’ करार देते हुए आम आदमी पार्टी पर परोक्ष रूप से निशाना साधा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में 150 गज या 200 गज तक मकानों के लिए पानी एवं सीवेज का कोई शुल्क नहीं होगा तथा इस बारे में कैबिनेट की बैठक में फैसला होगा।

उनके मुताबिक, उनकी सरकार बिजली बिल की दर में कमी करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पत्नी एक डॉक्टर है, मेरा भाई भी डॉक्टर है। मेरे घर में ये खुद कर्मचारी हैं। जब बिजली का बिल आता है तो मेरी पत्नी मुझसे कहती है कि उसकी जेब से पैसा निकल रहा है…ये बिल कम किये जाएंगे।’’

चन्नी ने यह ऐलान भी किया कि रेत खनन माफिया से निपटने के लिए उनकी सरकार फैसला करेगी क्योंकि कांग्रेस पंजाब में किसी तरह का माफिया नहीं चाहती।

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी अगुवाई वाली सरकार पंजाब के सभी मुद्दों का समाधान करेगी और सभी के लिए काम करेगी।

चन्नी का शपथ ग्रहण समारोह 11 बजे होना था, लेकिन इसमें थोड़ा विलंब हुआ। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी राजभवन पहुंचे और शपथ लेने वाले तीनों नेताओं को बधाई दी। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी को पहुंचने में कुछ मिनटों का विलंब हो गया था।

पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए।

इस बीच, कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत के इस कथित बयान से विवाद खड़ा हो गया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी का चेहरा नवजोत सिंह सिद्धू होंगे।

बाद में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि चन्नी मुख्यमंत्री के तौर पर और सिद्धू प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रूप में चेहरा होंगे।

चन्नी दलित सिख (रामदासिया सिख) समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे। वह रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह इस क्षेत्र से साल 2007 में पहली बार विधायक बने और इसके बाद लगातार जीत दर्ज की।

वह शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के शासनकाल के दौरान साल 2015-16 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी थे।

उप मुख्यमंत्री बने 62 वर्षीय रंधावा गुरुदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में कारागार मंत्री थे। दूसरे उप मुख्यमंत्री 64 वर्षीय सोनी अमृतसर (मध्य) विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और पिछली सरकार में स्कूली शिक्षा मंत्री थे।

चन्नी के साथ रंधावा और सोनी को इस सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपकर कांग्रेस ने सामाजिक समीकरण को साधने की कोशिश की है।

अमरिंदर सिंह के इस्तीफा देने के बाद चन्नी को रविवार को कांग्रेस विधायक दल का नया नेता चुना गया था। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि चन्नी मुख्यमंत्री पद के लिए राहुल गांधी की पसंद हैं।

अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने खुद को अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया।

भाषा हक हक अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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