Rahul Gandhi on 25 Percent Tariff: भारत की अर्थव्यवस्था मर गई...असफल "असेम्बल इन इंडिया" / Image Source: file
नई दिल्लीः लोकसभा में मंगलवार दोपहर से ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा जारी है। विपक्षी सांसदों ने इस मामले को लेकर सरकार को लगातार घेरने की कोशिश कर रही है। ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पहलगाम में लोगों की निर्दयता के साथ हत्याएं की गईं। हम अपनी सरकार-सेना के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं। उन्होंने कहा- राजनैतिक काम करते हुए हम पूरे देश में जाते हैं। लोगो से मिलते हैं दुख में सुख में। जब भी मैं सेना के किसी शख्स के घर जाता हूं जैसे ही हाथ मिलाता हूं तो पता लग जाता है कि हिंदुस्तान की फौज में है। इसको कहीं भी भेज दो ये देश के लिए लड़ने-मरने के लिए तैयार हैं। राहुल ने कहा कि सर, टाइगर को पूरी फ्रीडम देनी पड़ती है। आप उसे बांध नहीं सकते हो। अगर आपको उससे पूरा काम लेना है तो छूट देनी पड़ेगी। दो शब्द हैं- पॉलिटिकल विल और फुल फ्रीडम, अगर आप सेना के लिए काम करना चाहते हो, आपके पास पॉलिटिकल विल होनी चाहिए। दूसरा, सेना का प्रयोग करना चाहते हो तो उसके फुल फ्रीडम देना होगी।
राहुल ने कहा- राजनाथ सिंह जी ने अपने भाषण में 1971 का जिक्र किया। उस समय के पीएम ने कहा कि जिसको आना है आ जाओ हमारा जो काम है हम उसे पूरा करेंगे। जनरल सैम मानेकशॉ ने इंदिरा जी से कहा कि मैं ऑपरेशन गर्मी में नहीं कर सकता हूं, इंदिरा ने उनसे कहा कि आपको जितना समय चाहिए लीजिए, आपको फ्रीडम ऑफ एक्शन होना चाहिए। एक लाख पाकिस्तानी सोल्जर सरेंडर किए, नया देश बना।
राहुल ने कहा- अब हम सिंदूर पर आते हैं। कल मैंने देखा और सुना कि राजनाथ जी जो बोल रहे थे। वे कह रहे थे कि 1.45 बजे रात में ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ। 22 मिनट में खत्म हुआ। उन्होंने सबसे हैरानी वाली बात कही हमने 1.35 पर पाकिस्तान को बताया कि हम सेना के ठिकानों को निशाना नहीं बना रहे हैं।भारत के डीजीएमओ ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर की रात पाकिस्तान को बताया था। दो लोगों के बीच लड़ाई हो रही थी, एक आदमी ने दूसरे को सीधे जाकर यह बताया कि आपके पास लड़ने की पॉलिटिकल विल है ही नहीं आप लड़ना ही नहीं चाहते हो। हम एस्केलेशन नहीं चाहते हैं आप जवाब न दीजिए। भारत सरकार ने जाकर उनको बताया कि हम लड़ाई नहीं चाहते हैं। हमने 35 मिनट में सरेंडर कर दिया। राजनाथ जी ने यह बताया कि हमने पाकिस्तान से कहा था कि हमने आपके सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया है।