रक्षा बंधन में करें राशि अनुसार उपाय मिलेगा लाभ, जानें शुभ मुहूर्त

रक्षा बंधन में करें राशि अनुसार उपाय मिलेगा लाभ, जानें शुभ मुहूर्त

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  • Publish Date - August 24, 2018 / 10:29 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:53 PM IST

रक्षा सूत्र का पावन पर्व सावन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। रक्षा बंधन पर पुराणों में देवताओं या ऋषियों द्वारा  रक्षासूत्र बांधने की परम्परा है। इसका सबसे पहला उदाहरण राक्षसों से इन्द्रलोक को बचाने के लिए देव गुरू बृहस्पति ने इन्द्र देव की पत्नी को एक उपाय बताया था। इन्द्र देव की पत्नी ने देवासुर संग्राम में असुरों पर विजय पाने के लिए मंत्र सिद्ध करके श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को रक्षा सूत्र बांधा था, इसी सूत्र की शक्ति से देवराज युद्ध में विजयी हुए। रक्षा बंधन के दिन अपरान्ह में रक्षासूत्र का पूजन करे और उसके बाद रक्षा बंधन का विधान है। यह रक्षाबंधन राजा को पुरोहित द्वारा यजमान के ब्राह्मण द्वारा, भाई के बहन द्वारा और पति के पत्नी द्वारा दाहिनी कलाई पर किया जा सकता है। विधिपूर्वक जिसके रक्षाबंधन किया जाता है वह संपूर्ण दोषों से दूर रहकर संपूर्ण वर्ष सुखी रहता है।

रक्षा सूत्र बांधने की विधि –

– प्रातः उठकर स्नान-ध्यान करके उज्ज्वल तथा शुद्ध वस्त्र धारण करें।

– घर को साफ करके, चावल के आटे का चैक पूरकर मिट्टी के छोटे से घड़े की स्थापना करें।

– चावल, कच्चे सूत का कपड़ा, सरसों, रोली को एक साथ मिलाएं। फिर पूजा की थाली तैयार कर दीप जलाएं। उसमें मिठाई रखें।

– इसके बाद भाई को पीढ़े पर बिठाएं (पीढ़ा यदि आम की लकड़ी का हो तो सर्वश्रेष्ठ माना जाता है)।

– भाई को पूर्वाभिमुख, पूर्व दिशा की ओर बिठाएं। बहन का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।

– इसके बाद भाई के माथे पर टीका लगाकर दाहिने हाथ पर रक्षा सूत्र बांधें।

– शास्त्रों के अनुसार रक्षा सूत्र बांधे जाते समय निम्न मंत्र का जाप करने से अधिक फल मिलता है।

“येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः”

– रक्षा सूत्र (राखी) बांधने के बाद आरती उतारें फिर भाई को मिठाई खिलाएं। बहन यदि बड़ी हों तो छोटे भाई को आशीर्वाद दें और यदि छोटी हों तो बड़े भाई को प्रणाम कर आशीर्वाद ग्रहण करें।

 

रक्षा बंधन शुभ मुहूर्त 

रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय- अपराह्न मुहूर्त : 13:39 से 16:12 तक

भद्रा विचार

रक्षा बंधन के दिन भद्रा सूर्योदय से पूर्व 05:22 में ही समाप्त हो जाएगी।

सावन पूर्णिमा का आरंभ -25 अगस्त, शनिवार 15:17 बजे से

सावन पूर्णिमा समाप्त – 26 अगस्त, रविवार 17:26 बजे 

राशि के अनुसार बहनों को किस रन की डोरी भाई को बंधनी चाहिए, मन्त्र क्या पढना चाहिए और कौन-कौन से ऊपाय करने चाहिए… आइये जाने..

1. मेष- बहनें भगवान गणेश जी को दूब तथा राखी अर्पित करें, उसके उपरांत भाई को हरे रंग की सूत से बनी राखी बंधे और मन्त्र पढ़ें ” ॐ अन्गिर्साय विधमहे दिव्यदेहाय धीमहि, जीव: प्रचोदयात” इसके बाद कलाकंद खिलाएं.

 

2. वृष- बहनें शिव जी को जल से अभिषेक करें और राखी अर्पित करें तथा अपने दोनों के रिश्ते के मजबूती की प्रार्थना करें. ॐ भग्भवाय विधमहे मृत्युरुपाय धीमहि, तन्नो सौरी: प्रचोदयात मन्त्र करें और काजू की मिठाई खिलाएं.

 

3. मिथुन- बहनें सूर्य देव को जल चढ़ाएं, देवी को सिन्दूर और राखी अर्पित करें ताकि भाई की दुर्घटना से रक्षा हो सके. उसके उपरांत ॐ भग्भवाय विधमहे मृत्युरुपाय धीमहि, तन्नो सौरी: प्रचोदयात मन्त्र का जाप करते हुए रुद्राक्ष की राखी भाई को बंधकर चाकलेट के पेडे खिलाएं.

 

4. कर्क- भगवान गणेश को बेल पत्र और राखी अर्पित करें, इससे आपके भाई के कैरियर की परेशानी दूर होगी और रिश्ते मधुर होंगे. ॐ अन्गिर्साय विधमहे दिव्यदेहाय धीमहि, जीव: प्रचोदयात जाप करें और रसगुल्ले खिलाएं और मोती की राखी बांधे.

5. सिंह- शिव जी को चन्दन अर्पित करें इसके बाद राखी. इससे आपके भाई का  स्वास्थ्य उत्तम रहेगा.  ॐ अंगारकाय विधमहे शक्तिहस्ताय धीमहि, तन्नो भोम: प्रचोदयात मन्त्र का जप करते हुए लाल रंग की राखी बंधे और मोतीचूर के लड्डू खिलाएं.

6. कन्या- हनुमान जी लाल फूल और रक्षासूत्र अर्पित करें, इससे आपके भाई को मनचाही सफलता मिलेगी.  ॐ भृगुसुताय विधमहे दिव्यदेहाय, तन्नो शुक्र: प्रचोदयात मन्त्र पढ़ते हुए रस वाली मिठाई खिलाएं एवं पंचरंगी डोरे वाली राखी बांधे। 

7. तुला- भगवान कृष्ण को माखन मिसरी का भोग लगाएं, फिर रक्षाबंधन अर्पित करें, इससे आपके भाई का पारिवारिक और वैवाहिक जीवन सुखी होगा. ॐ सौम्यरुपाय विधमहे वानेशाय च धीमहि, तन्नो सौम्य प्रचोदयात मन्त्र का जाप करते हुए घर में निर्मित मिठाई खिलाएं एवं रेशमी हल्के पीले डोरे वाली राखी बांधे।

 

8. वृश्चिक- पीपल के वृक्ष में जल डालें और वहीं दीपक जलाएं, डाल पर रक्षासूत्र बांधें. इससे आपके भाई की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या दूर होगी. ” ॐ अमृतंग अन्गाये विधमहे कलारुपाय धीमहि,तन्नो सोम प्रचोदयात ” मन्त्र पढ़ें और रसगुल्ले खिलाएं एवं पीली व सफेद डोरी से बनी राखी बांधे।

9. धनु- शिव जी को इत्र और जल अर्पित करें, इसके बाद राखी अर्पित कर दें. इससे आपके भाई की दुर्घटनाओं से रक्षा होगी. ॐ आदित्याय च विधमहे प्रभाकराय धीमहि, तन्नो सूर्य :प्रचोदयात मन्त्र का जाप करते हुए रसगुल्ले खिलाएं एवं पीली व सफेद डोरी से बनी राखी बांधे।

10. मकर- भगवान कृष्ण को हल्दी का तिलक लगाकर राखी अर्पित करें, इससे आपके भाई को आर्थिक कष्ट कभी नहीं होंगे. ॐ सौम्यरुपाय विधमहे वानेशाय च धीमहि, तन्नो सौम्य प्रचोदयात मन्त्र पढ़ते हुए राजभोग के साथ पीले-नीले जरी की राखी बांधे।

11. कुम्भ- हनुमान जी को लाल फूल और रक्षासूत्र अर्पित करें, इससे आपके भाई का स्वास्थ्य और रोजगार उत्तम होगा इसके लिए ॐ भृगुसुताय विधमहे दिव्यदेहाय, तन्नो शुक्र: प्रचोदयात जाप करें और सोहन हलवा और सफेद रेशमी डोरी वाली राखी बांधे।

12. मीन- शिव जी को दही और जल अर्पित करें, उनको राखी अर्पित करें. इससे आपके और आपके भाई के रिश्ते मजबूत होंगे. ॐ अंगारकाय विधमहे शक्तिहस्ताय धीमहि, तन्नो भोम: प्रचोदयात मन्त्र का जाप करते हुए बालूशाही खिलाएं एवं मिलेजुले धागे वाली राखी बांधे।

पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी