रमेश ने वन विधेयक को संयुक्त समिति को भेजने का विरोध किया, धनखड़ से दखल की मांग की |

रमेश ने वन विधेयक को संयुक्त समिति को भेजने का विरोध किया, धनखड़ से दखल की मांग की

रमेश ने वन विधेयक को संयुक्त समिति को भेजने का विरोध किया, धनखड़ से दखल की मांग की

:   Modified Date:  March 29, 2023 / 05:53 PM IST, Published Date : March 29, 2023/5:53 pm IST

नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ‘वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023’ को संसद की संयुक्त समिति के पास भेजे जाने का विरोध करते हुए बुधवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से आग्रह किया कि वह इसमें दखल दें ताकि इसे संबंधित स्थायी समिति को भेजा जाए तथा इस विधेयक को पूरी तरह कमजोर होने से रोका जा सके।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन संबंधी संसद की स्थायी समिति के प्रमुख रमेश ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस और पूरे विपक्ष की तरफ यह पत्र लिख रहा हूं कि किस तरह से वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023 को लेकर दोनों सदनों में कदम उठाया गया।’’

उनका कहना है, ‘‘इस विधेयक को संयुक्त समिति के पास भेजा गया। यह विधेयक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन संबंधी स्थायी समिति के दायरे में आता है। यह राज्यसभा की आठ समितियों में से एक है और इसलिए मैं आपका हस्तक्षेप चाहता हूं ताकि इस विधेयक को पूरी तरह से कमजोर बनाने को रोका जा सके।’’

उन्होंने दावा किया कि भारत सरकार वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023 को संयुक्त समिति को भेजकर स्थायी समिति को दरकिनार कर रही है, जबकि स्थायी समिति ने विधेयक को सभी संबंधित पक्षों की पूरी भागीदारी के साथ इस पर विचार-विमर्श किया होता।

रमेश ने कहा, ‘‘इस स्थायी समिति का प्रमुख होने के चलते मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि भारत सरकार संबंधित स्थायी समितियों के जरिये विधेयकों की छानबीन नहीं चाहती, जबकि इन समितियों में अधिकतर सदस्य सत्तापक्ष के होते हैं।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘संयुक्त समिति के लिए राज्यसभा से भेजे गए सदस्यों के नाम को लेकर भी गंभीर समस्याएं हैं। राज्यसभा का कोई भी विपक्षी सदस्य इस सूची में नहीं है, ऐसे में यह पूरी तरह से एकपक्षीय है। यह अलग मुद्दा है। ’’

रमेश ने कहा कि बुनियादी मुद्दा स्थायी समिति के दर्जे और कामकाज को कमतर करने का है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि आप उचित संसदीय नियमों, प्रक्रियाओं और परंपराओं को सुनिश्चित करेंगे ताकि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन संबंधी संसद की स्थायी समिति को वन (संरक्षण) विधेयक की छानबीन करने का मौका मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा ने बुधवार को ‘वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023’ को संसद की एक संयुक्त समिति को भेजने का निर्णय लिया।

केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सदन में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ‘वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023’ पेश किया।

‘वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980’ का और संशोधन करने वाले उक्त विधेयक को केंद्रीय मंत्री ने संसद की एक संयुक्त समिति को विचारार्थ भेजने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।

भाषा हक हक माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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