बाल तस्करी और देह व्यापार की सच्चाई ‘बेहद चिंताजनक’ : उच्चतम न्यायालय

बाल तस्करी और देह व्यापार की सच्चाई ‘बेहद चिंताजनक’ : उच्चतम न्यायालय

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  • Publish Date - December 20, 2025 / 12:01 AM IST,
    Updated On - December 20, 2025 / 12:01 AM IST

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) देश में बाल तस्करी और देह व्यापार की “बेहद चिंताजनक” स्थिति पर संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि यौन तस्करी के पीड़ित, विशेषकर नाबालिग की गवाही को उचित महत्व और विश्वसनीयता दी जानी चाहिए।

न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि अदालतों को तस्करी की शिकार किसी नाबालिग पीड़िता के साक्ष्यों का मूल्यांकन करते समय उसकी अंतर्निहित सामाजिक-आर्थिक तथा कभी-कभी सांस्कृतिक असुरक्षा को ध्यान में रखना चाहिए, विशेषकर जब वह किसी हाशिये पर पड़े या सामाजिक एवं सांस्कृतिक रूप से पिछड़े समुदाय से संबंधित हो।

शीर्ष अदालत ने ये टिप्पणियां लड़कियों की बाल तस्करी से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान कीं।

अदालत ने कहा कि पीड़ितों के साक्ष्य का न्यायिक मूल्यांकन संवेदनशीलता और यथार्थवाद से युक्त होना चाहिए।

भाषा देवेंद्र शफीक

शफीक