Newborn baby Birth Certificate: अस्पताल से छुट्टी से पहले मिल जाएगा नवजात बच्चे को जन्मप्रमाण पत्र!.. भारत के रजिस्ट्रार जनरल का राज्यों को निर्देश
रजिस्ट्रार द्वारा जन्म और मृत्यु पंजीकरण (आरबीडी) अधिनियम, 1969 की धारा 12 के तहत जारी किया जाता है। आरबीडी अधिनियम 1969 को 2023 में संशोधित किया गया था। नए नियमों के मुताबिक़ 1 अक्टूबर, 2023 से केंद्र के पोर्टल पर सभी जन्म और मृत्यु का पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया गया है।
Newborn baby birth certificate || Image- IBC24 News File
- अब अस्पताल से छुट्टी से पहले मिलेगा जन्म प्रमाण पत्र
- अब अस्पताल से छुट्टी से पहले मिलेगा जन्म प्रमाण पत्र
- 1 अक्टूबर 2023 से जन्म पंजीकरण ऑनलाइन अनिवार्य किया गया
Newborn baby will get the birth certificate before discharge from the hospital: नई दिल्ली: भारत के रजिस्ट्रार जनरल महापंजीयक ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि नवजात शिशुओं की माताओं को अस्पतालों, विशेषकर सरकारी अस्पतालों, से छुट्टी दिए जाने से पहले जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाये। बता दें कि, जहां देश में संस्थागत जन्मदर करीब 50% के आसपास है।
महापंजीयक ने कहा है कि, अस्पतालों को यह सुनिश्चित करना होगा कि यह प्रमाणपत्र पत्र डिजिटल तौर पर भी परिजनों को उपलब्ध होना चाहिए। यह काम सात दिनों के भीतर ही पूरा कर लिया जाना चाहिए।
क्या लिखा है खत?
Newborn baby will get the birth certificate before discharge from the hospital: आरजीआई कार्यालय द्वारा 12 जून, 2025 को लिखे पत्र में कहा गया है कि, “कार्यालय ने नागरिक पंजीकरण प्रणाली में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें जन्म और मृत्यु अधिनियम, 1969 के पंजीकरण में संशोधन, राज्य जन्म और मृत्यु पंजीकरण नियमों में इसी तरह का संशोधन, एक नया केंद्रीय सीआरएस पोर्टल विकसित करना आदि शामिल हैं। जन्म प्रमाण पत्र के बढ़ते महत्व को देखते हुए, यह समय की मांग है कि अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले नवजात बच्चे की मां को प्रमाण पत्र दिया जाए, खासकर सरकारी अस्पतालों द्वारा जहां कुल संस्थागत जन्मों में से 50% से अधिक होते हैं।”
बता दें कि, रजिस्ट्रार द्वारा जन्म और मृत्यु पंजीकरण (आरबीडी) अधिनियम, 1969 की धारा 12 के तहत जारी किया जाता है। आरबीडी अधिनियम 1969 को 2023 में संशोधित किया गया था। नए नियमों के मुताबिक़ 1 अक्टूबर, 2023 से केंद्र के पोर्टल पर सभी जन्म और मृत्यु का पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया गया है। इससे पहले राज्य अपना स्वयं का डेटाबेस बनाए रखते थे और गृह मंत्रालय (एमएचए) के तहत आरजीआई कार्यालय के साथ आंकड़े साझा करते थे।

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