राष्ट्र निर्माण में प्रवासियों की भूमिका अहम, उनके अधिकारों की अनदेखी नहीं कर सकते: शीर्ष अदालत

राष्ट्र निर्माण में प्रवासियों की भूमिका अहम, उनके अधिकारों की अनदेखी नहीं कर सकते: शीर्ष अदालत

राष्ट्र निर्माण में प्रवासियों की भूमिका अहम, उनके अधिकारों की अनदेखी नहीं कर सकते: शीर्ष अदालत
Modified Date: November 29, 2022 / 08:59 pm IST
Published Date: July 21, 2022 8:30 pm IST

नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) सर्वोच्च अदालत ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रवासी राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनके अधिकारों को किसी भी तरह नजरअंदाज नहीं कर सकते। न्यायालय ने केंद्र से एक ऐसा तंत्र तैयार करने के लिए कहा ताकि वे बिना राशन कार्ड के अनाज हासिल कर सकें।

शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र द्वारा तैयार की गई कल्याणकारी योजनाएं अधिक से अधिक श्रमिकों तक पहुंचनी चाहिए और राज्य सरकारों को भारत संघ का सहयोग और सहायता करनी होगी।

न्यायालय ने कहा, ‘‘जहां तक ​​हमारे देश का सवाल है, दो लोग बहुत महत्वपूर्ण हैं। पहला किसान और दूसरा प्रवासी श्रमिक। प्रवासी भी राष्ट्र के निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके अधिकारों को किसी भी तरह नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।’’

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न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा, ‘‘इसलिए आपको उन तक पहुंचना होगा। वे अनपढ़ हो सकते हैं और इससे अनजान होंगे कि सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे उठाया जाए। संबंधित राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि योजना का लाभ उन तक पहुंचे।’’

केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ को बताया कि राज्यों से मिली जानकारी के आधार पर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की सलाह से विकसित एक पोर्टल पर 11 जुलाई तक लगभग 27.95 करोड़ असंगठित मजदूरों या प्रवासी श्रमिकों को पंजीकृत किया गया है।

केंद्र द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताते हुए भाटी ने शीर्ष अदालत को बताया कि प्रवासी श्रमिकों, निर्माण श्रमिकों आदि जैसे लोगों की मदद करने के उद्देश्य से एक ई-श्रम पोर्टल शुरू किया गया है।

उन्होंने कहा कि एक राष्ट्रीय करियर सेवा पोर्टल बनाया गया है, जो एक ही जगह हर चीज का समाधान करता है। यह पोर्टल नागरिकों को रोजगार और करियर से संबंधित सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है।

भाटी ने अदालत को यह भी बताया कि भारत सरकार ने असंगठित श्रमिकों के लिए वृद्धावस्था सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम) नाम से असंगठित श्रमिकों के लिए एक पेंशन योजना शुरू की है।

भाटी ने बताया कि राज्यों द्वारा मांग के अनुसार खाद्यान्न के अतिरिक्त आवंटन पर विचार किया जा रहा है और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को सितंबर तक बढ़ा दिया गया है।

तीन कार्यकर्ताओं, अंजलि भारद्वाज, हर्ष मंदर और जगदीप छोकर की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्यों को बाजार दर पर राशन खरीदने के लिए कह रही है। भूषण ने कहा कि अधिकांश श्रमिक पोर्टल पर पंजीकृत होने के बावजूद राशन से वंचित हैं, क्योंकि उनके पास राशन कार्ड नहीं हैं।

भाषा संतोष पवनेश

पवनेश


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