आरएसएस का सरकारी नीतियों पर लोगों को सही सूचना के आधार पर राय कायम करने में सक्षम बनाने का आह्वान

आरएसएस का सरकारी नीतियों पर लोगों को सही सूचना के आधार पर राय कायम करने में सक्षम बनाने का आह्वान

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  • Publish Date - April 30, 2025 / 11:34 AM IST,
    Updated On - April 30, 2025 / 11:34 AM IST

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील आंबेकर ने इस बात पर जोर दिया कि सरकारी नीतियों की सफलता के लिए यह जरूरी है कि लोगों को उनके बारे में सही जानकारी हो और तब वे उनपर कोई राय बनाए। आंबेकर ने साथ ही बुद्धिजीवियों से ऐसे प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान भी किया।

आंबेकर मंगलवार को यहां भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद और रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जिसका आयोजन अशोक गजानन मोदक की पुस्तक ‘इंटीग्रल ह्यूमैनिज्म, ए डिस्टिक्ट पैराडाइम ऑफ डेवलपमेंट’ के विमोचन के लिए किया गया था।

आंबेकर ने कहा कि एकात्म मानववाद की अवधारणा को स्पष्ट करने वाले दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि लोगों को इस देश के बारे में जागरुक किया जाना चाहिए और उन्हें सही और गलत के बारे में उचित समझ विकसित करने में मदद करनी चाहिए।

आरएसएस के नेता ने कहा कि उपाध्याय ने यह भी कहा था कि समाज के बुद्धिजीवियों को ऐसे प्रयासों में ‘बहुत बड़ी भूमिका’ निभानी है।

आरएसएस के राष्ट्रीय मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख आंबेकर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि ‘लोक जागरण’, ‘लोकमत परिष्कार’ (लोगों को जागरुक करने, लोगों को सही सूचना के आधर पर राय बनाने में सक्षम बनाने का अभ्यास) होना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि लेकिन यह भी जरूरी है कि समाज को ‘प्रबुद्ध’ बनाने के प्रयासों का नेतृत्व करने वालों को ‘निष्पक्ष और स्वार्थ से मुक्त’ होना चाहिए।

भाषा शोभना मनीषा

मनीषा