नई दिल्ली: Petrol Diesel Prices उद्योग जगत ने बृहस्पतिवार को कहा कि रूस-यूक्रेन संकट से कच्चे तेल और जिंसों की कीमतों में तेजी आ सकती है। इससे उनकी कच्चे माल की लागत बढ़ेगी और फलत: मुद्रास्फीतिक दबाव बढ़ेगा। बिस्कुट, चॉकलेट जैसे खाने का सामान बनाने वाली पारले प्रोडक्ट्स ने कहा कि भू-राजनीतिक स्थिति का कच्चे तेल की कीमतों पर काफी असर पड़ने वाला है और इससे व्यापार लागत बढ़ना तय है। इसका असर कई उद्योगों पर पड़ेगा।
Petrol Diesel Prices पारले प्रोडक्ट्स के वरिष्ठ अधिकारी (कैटेगरी हेड) कृष्णराव बुद्ध ने कहा, ‘‘पिछले 7-8 साल से कच्चा तेल 100 डॉलर से नीचे था, लेकिन आज इसने 100 डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है। इससे खाद्य उद्योग के अलावा कई उद्योग प्रभावित होंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए आरबीडी ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी होगी। कीमतों में बढ़ोतरी का हमारे ज्यादातर उत्पादों पर व्यापक असर पड़ेगा।’’
उषा इंटरनेशनल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) दिनेश छाबड़ा ने कहा कि अगर स्थिति आगे बिगड़ती है, तो भारत समेत दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका है। उन्होंने कहा, ‘‘रूस और यूक्रेन के बीच भू-राजनीतिक गतिरोध बढ़ने का मतलब है कि इससे दुनियाभर में एक बड़ा संकट हो सकता है। एक कंपनी और उद्योग के लिहाज से यह हमारे लिए चिंता का विषय है…।’’
छाबड़ा ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और यूरोप में मंदी की आशंका से आयात लागत बढ़ सकती है। यूक्रेन तांबे जैसे खनिजों का एक प्रमुख स्रोत है, इसके परिणामस्वरूप इन खनिजों की कमी भी हो सकती है, जिससे खनिज लागत बढ़ सकती है।’’
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