सबरीमाला विवाद पर बोली स्मृति,आपको पूजा करने का अधिकार है ,अपवित्र करने का नहीं

सबरीमाला विवाद पर बोली स्मृति,आपको पूजा करने का अधिकार है ,अपवित्र करने का नहीं

सबरीमाला विवाद पर बोली स्मृति,आपको पूजा करने का अधिकार है ,अपवित्र करने का नहीं
Modified Date: November 29, 2022 / 08:26 pm IST
Published Date: October 23, 2018 12:37 pm IST

मुंबई।  सुप्रीम कोर्ट ने जब से  केरल में सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश देने की अनुमति दी है उसके बाद से इस आदेश के खिलाफ लगातार प्रदर्शन जारी है।इसी  बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को कहा कि पूजा करने के अधिकार का यह मतलब नहीं है कि आपको अपवित्र करने का भी अधिकार प्राप्त है। मुंबई में ब्रिटिश हाई कमीशन और आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की ओर से आयोजित “यंग थिंकर्स” कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए  उन्होंने कहा, ‘मैं हिंदू धर्म को मानती हूं लेकिन मेरे पति  पारसी हैं और मुझे लगता है कि मेरे दोनों बच्चे पारसी धर्म को मानें, जो आतिश बेहराम  पारसियों का प्रार्थना स्थल है वहां जा सकें।और एक वाकिया ऐसा भी आया जब मुझे आतिश बेहराम के बाहर इंतजार करना पड़ा  क्योंकि मुझे दूर रहने के लिए खा गया था। और मुझे लगता है किसी स्थान को अपवित्र करने का अधिकार मुझे नहीं है। 

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इस दौरान स्मृति ईरानी ने  बहुत ही बोल्डनेस से अपनी बात रखी उन्होंने कहा ‘‘मैं उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ बोलने वाली कोई नहीं हूं, क्योंकि मैं एक कैबिनेट मंत्री हूं. लेकिन यह साधारण-सी बात है क्या आप माहवारी के खून से सना नैपकिन लेकर चलेंगे और किसी दोस्त के घर में जाएंगे. आप ऐसा नहीं करेंगे.” उन्होंने कहा, ‘‘क्या आपको लगता है कि भगवान के घर ऐसे जाना सम्मानजनक है? यही फर्क है. मुझे पूजा करने का अधिकार है लेकिन अपवित्र करने का अधिकार नहीं है. यही फर्क है कि हमें इसे पहचानने तथा सम्मान करने की जरूरत है।

 

ज्ञात हो कि  सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 28 सितंबर को मंदिर में माहवारी आयु वर्ग 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटा दिया था. सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ प्रदर्शनों के चलते महिलाओं को सबरीमला मंदिर में जाने से रोक दिया  गया था। 

वेब डेस्क IBC24

 


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