नई दिल्ली। महंगाई के साथ-साथ अब नौकरी की भी टेंशन बढ़ने वाली है। एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि इस वित्तीय वर्ष में नए पे-रोल के आधार पर 2018 की तुलना में 20 प्रतिशत नौकरियां कम हो सकती है। एसबीआई के मुख्य आर्थिक सलाहकार एस के घोष ने कहा कि ईपीएफओ डेटा सही तस्वीर नहीं दिखा सकता है।
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एसबीआई रिसर्च टीम के अनुसार नए पे-रोल के आधार पर यह संख्या 73.9 लाख हो सकती है। पिछले वित्त वर्ष में कुल 89.7 लाख रोजगार के अवसर पैदा हुए थे। यह ईपीएफओ के 2018 में जारी आंकड़े से 21 प्रतिशत या 15.8 लाख कम हो सकती है। सरकार ने पहली बार ईपीएफओ, ईएसआईसी और एनपीएस के रिकॉर्ड का उपयोग करके अप्रैल 2017 से अप्रैल 2017 के लिए मासिक पे-रोल डेटा प्रकाशित करना शुरू किया था।
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एसबीआई की इस रिसर्च रिपोर्ट के इकोरैप के अनुसार देश के उत्तरप्रदेश , असम, राजस्थान और बिहार सहित अन्य राज्यों में नौकरी मजदूरी के लिए बाहर गए व्यक्तियों की ओर से घर भेजे जाने वाले धन में कमी आई है।
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वहीं, औसतन छोटी वेतन की अधिकत सीमा 15,000 रुपये मासिक है। रिपोर्ट में की गई गणना के अनुसार अप्रैल-अक्टूबर के दौरान शुद्ध रूप से ईपीएफओ के साथ 43.1 लाख नए अंशधारक जुड़े। सालाना आधार पर यह आंकड़ा 73.9 लाख बैठेगा।
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4 hours ago