न्यायालय ने सेंथिल बालाजी की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित किया

न्यायालय ने सेंथिल बालाजी की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित किया

न्यायालय ने सेंथिल बालाजी की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित किया
Modified Date: August 12, 2024 / 04:28 pm IST
Published Date: August 12, 2024 4:28 pm IST

नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति अगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और बालाजी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी एवं सिद्धार्थ लूथरा की दलीलें सुनीं।

सुनवाई के दौरान मेहता ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता को जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए कहा कि मुकदमे में देरी पूर्व मंत्री के कारण हो रही है।

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रोहतगी ने दलील दी कि बालाजी एक साल से अधिक समय से जेल में हैं और मुकदमे पर सुनवाई जल्द पूरी होने की कोई संभावना नहीं है।

उन्होंने बालाजी की ओर से कहा, ‘‘उस समय आरोप लगाया गया था कि मैं प्रभावशाली व्यक्ति हूं, लेकिन अब मेरे पास विभाग नहीं है। अभी मेरी सर्जरी हुई है। और क्या चाहिए?’’

मद्रास उच्च न्यायालय ने बालाजी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि यदि उन्हें इस तरह के मामले में जमानत पर रिहा किया गया तो इससे गलत संदेश जाएगा और यह व्यापक जनहित के खिलाफ होगा।

उसने कहा था कि चूंकि याचिकाकर्ता आठ महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं, इसलिए विशेष अदालत को मामले का समय सीमा के भीतर निपटारा करने का निर्देश देना उचित होगा।

मद्रास उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार दिन-प्रतिदिन के आधार पर की जाएगी।

बालाजी को पिछले साल 14 जून को ईडी ने कथित तौर पर पैसे लेकर नौकरी देने के मामले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया था। कथित अपराध के समय बालाजी पूर्ववर्ती ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) सरकार में परिवहन मंत्री थे।

ईडी ने पिछले साल 12 अगस्त को बालाजी के खिलाफ 3,000 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था।

भाषा धीरज सुरेश

सुरेश


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