अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार को नौकरी गंवाने वाले स्कूल कर्मचारियों को आर्थिक सहायता देने से रोका

अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार को नौकरी गंवाने वाले स्कूल कर्मचारियों को आर्थिक सहायता देने से रोका

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  • Publish Date - June 20, 2025 / 12:36 PM IST,
    Updated On - June 20, 2025 / 12:36 PM IST

कोलकाता, 20 जून (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने उच्चतम न्यायालय के एक फैसले के बाद नौकरी गंवाने वाले गैर शिक्षण स्कूली कर्मचारियों को आर्थिक सहायता देने की पश्चिम बंगाल सरकार की योजना के क्रियान्वयन पर 26 सितंबर तक रोक लगा दी है।

अदालत ने इस योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर नौ जून को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस याचिका में राज्य द्वारा ‘ग्रुप सी’ के उन कर्मचारियों को 25,000 रुपये और ‘ग्रुप डी’ के उन कर्मचारियों को 20,000 रुपये दिए जाने का विरोध किया गया था जिनकी शीर्ष अदालत के आदेश के बाद नौकरी चली गई है।

न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने एक अंतरिम आदेश पारित कर गैर-शिक्षण कर्मचारियों को आर्थिक राहत प्रदान करने की योजना को 26 सितंबर तक या अगले आदेश तक लागू करने से राज्य सरकार को रोक दिया है।

उन्होंने राज्य सरकार को याचिकाकर्ताओं की दलीलों के विरोध में चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने और उसके बाद एक पखवाड़े के भीतर याचिकाकर्ताओं को जवाब देने का निर्देश दिया।

पश्चिम बंगाल सरकार ने ‘ग्रुप सी’ और ‘ग्रुप डी’ श्रेणियों के उन गैर-शिक्षण कर्मचारियों के संकटग्रस्त परिवारों को अस्थायी तौर पर ‘‘मानवीय आधार पर सीमित आजीविका, सहायता और सामाजिक सुरक्षा’’ प्रदान करने के लिए हाल में एक योजना शुरू की थी, जिन्हें पश्चिम बंगाल एसएससी द्वारा आयोजित 2016 की चयन प्रक्रिया के माध्यम से भर्ती किया गया था।

पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा सहायता प्राप्त स्कूलों के लगभग 26,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को उच्चतम न्यायालय के उस फैसले के बाद अपनी नौकरी खोनी पड़ी जिसमें 2016 की चयन प्रक्रिया में अनियमितताएं पाई गई थीं।

भाषा सिम्मी नरेश

नरेश