कर चोरी मामले को स्थानांतरित करने के खिलाफ कार्ति की याचिका पर न्यायालय ने मांगा जवाब

कर चोरी मामले को स्थानांतरित करने के खिलाफ कार्ति की याचिका पर न्यायालय ने मांगा जवाब

  •  
  • Publish Date - November 3, 2022 / 09:44 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:52 PM IST

नयी दिल्ली, तीन नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदम्बरम और उनकी पत्नी की उस याचिका पर आयकर (जांच) उपनिदेशक से बृहस्पतिवार को जवाब तलब किया, जिसमें दंपती ने करवंचना के एक मामले को निचली अदालत से सांसदों और विधायकों के लिए स्थापित विशेष अदालत में स्थानांतरित किये जाने को चुनौती दी गयी है।।

प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू को दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा।

कार्ति चिदंबरम की ओर से पेश वकील ने पीठ के समक्ष दलील दी कि मद्रास उच्च न्यायालय ने सांसदों/ विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के संदर्भ में ‘अश्विनी उपाध्याय मामले’ में शीर्ष अदालत के आदेश का गलत अर्थ लगाया है।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।

उच्च न्यायालय ने 12 मई, 2020 को कार्ति चिदंबरम और श्रीनिधि चिदंबरम की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उनके खिलाफ निचली अदालत में दायर कर-चोरी के मामले को सांसदों/विधायकों से संबंधित विशेष अदालत में स्थानांतरित करने को चुनौती दी गई थी।

आईटी विभाग के अनुसार, 2019 के चुनाव में शिवगंगा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए कार्ति चिदंबरम और उनकी पत्नी को वर्षों पहले चेन्नई के पास मुत्तुकाडु में एक जमीन की बिक्री के लिए नकद राशि मिली थी, लेकिन इसका खुलासा उन्होंने आईटी रिटर्न में जिक्र नहीं किया।

भाषा सुरेश माधव

माधव