SC On Reservation: 50% से ज्‍यादा रिजर्वेशन पर SC में होगा हार-जीत का फैसला! निकाय चुनाव में मनमाना आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी, जानिए क्या है पूरा मामला

50% से ज्‍यादा रिजर्वेशन पर SC में होगा हार-जीत का फैसला! SC to decide victory or defeat on reservations exceeding 50%

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  • Publish Date - November 25, 2025 / 08:38 PM IST,
    Updated On - November 26, 2025 / 12:11 AM IST

SC On Reservation. Image Source- IBC24 Archive

नई दिल्ली। SC On Reservation: महाराष्ट्र सरकार की ओर स्थानीय निकाय चुनावों में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण देने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। मुख्‍य न्‍यायाधीश (CJI) जस्‍ट‍िस सूर्यकांत और जस्‍ट‍िस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने साफ कहा क‍ि जहां-जहां भी 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा का उल्लंघन हुआ है, वहां के चुनावी नतीजे हमारे फैसले पर निर्भर करेंगे।

दरअसल, महाराष्‍ट्र की सरकार ने सारे आदेशों को दरक‍िनार करते हुए लोकल बॉडी इलेक्‍शन में 50 फीसदी से ज्‍यादा रिजर्वेशन दे द‍िया। इसी मामले को लेकर दायर याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की। अदालत में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता बलबीर सिंह ने बताया कि महाराष्ट्र में 2 दिसंबर के लिए 242 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों कुल 288 निकायों के चुनाव अधिसूचित किए जा चुके हैं। इनमें से 57 स्थानीय निकायों में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि जिन 57 निकायों में यह सीमा लांघी गई है, वहां किसी भी उम्मीदवार की जीत-हार का परिणाम कोर्ट के फैसले पर ही निर्भर करेगा।

सरकार ने मांगा समय, सुनवाई 28 नवंबर तक टली

SC On Reservation: महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि उन्हें इस मामले पर राज्य चुनाव आयोग से सलाह लेनी होगी, इसलिए कुछ समय दिया जाए। इस पर अदालत ने सुनवाई को 28 नवंबर तक स्थगित कर दिया। इससे पहले 19 नवंबर को कोर्ट ने सुझाव दिया था कि जब तक OBC को 27% आरक्षण देने से जुड़ा मुद्दा तय नहीं हो जाता, तब तक नामांकन प्रक्रिया रोकने पर विचार करना चाहिए।

कोर्ट की कड़ी चेतावनी: अवैध चुनाव हुए तो तुरंत रद्द

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने बताया कि इस मामले में अवमानना याचिकाएं भी लंबित हैं और ऐसे में चुनावों को रद्द कर दिया जाना चाहिए। इस पर CJI ने कहायदि चुनाव अवैध पाए जाते हैं, तो अदालत के पास उन्हें तुरंत रद्द करने की शक्ति है।” हालांकि, वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम सिंह ने दलील दी कि चुनाव रद्द करना सार्वजनिक धन की बर्बादी होगी और चुनाव प्रक्रिया को रोकना ही उचित होगा।

50% आरक्षण संवैधानिक लक्ष्मण रेखा

वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा ने 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को “संवैधानिक लक्ष्मण रेखा” बताया। पीठ ने राज्य चुनाव आयोग से कहा कि वह यह स्पष्ट करे कि किन-किन निकायों में यह सीमा पार की गई है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 2021 से स्थानीय निकाय चुनाव OBC आरक्षण विवाद के कारण रुके हुए हैं। दिसंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने OBC आरक्षण पर रोक लगाई थी, यह कहते हुए कि इसे तभी लागू किया जा सकता है जब ‘ट्रिपल टेस्ट’ की शर्तें पूरी हों।

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