एससीबीए चुनाव: चुनाव समिति को अध्यक्ष, कार्यकारी सदस्यों के मतों की दोबारा गिनती का न्यायालय का आदेश

एससीबीए चुनाव: चुनाव समिति को अध्यक्ष, कार्यकारी सदस्यों के मतों की दोबारा गिनती का न्यायालय का आदेश

एससीबीए चुनाव: चुनाव समिति को अध्यक्ष, कार्यकारी सदस्यों के मतों की दोबारा गिनती का न्यायालय का आदेश
Modified Date: May 26, 2025 / 06:50 pm IST
Published Date: May 26, 2025 6:50 pm IST

नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में संपन्न सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के चुनावों में कथित अनियमितताओं के मद्देनजर सोमवार को चुनाव समिति से कहा कि वह फिर से मतगणना कराए।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की अवकाशकालीन पीठ ने चुनाव समिति के सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया से कहा कि बार निकाय के अध्यक्ष पद के लिए मतों की गिनती पहले की जानी चाहिए, उसके बाद कार्यकारी सदस्यों के लिए मतों की गिनती की जानी चाहिए।

हंसारिया ने कहा कि चुनाव समिति ने मतों की पुनर्गणना कराने का निर्णय लिया है, क्योंकि शिकायतें मिली थीं कि डाले गए मतों की संख्या से अधिक मत गिने गए हैं।

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उन्होंने कहा कि चुनाव समिति को अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आदिश अग्रवाल से शिकायत मिली थी कि अध्यक्ष पद के लिए वैध घोषित किए गए कुल मतों की संख्या 2,651 थी, जो जारी किए गए कुल मतपत्रों की संख्या 2,588 से अधिक थी।

हंसारिया ने पीठ को बताया, “मतों की पुनर्गणना पहले अध्यक्ष पद के लिए शुरू होगी, क्योंकि इसमें कम समय लगेगा, जिसके बाद कार्यकारी सदस्यों के लिए मतों की गणना होगी, जिसमें दो-तीन दिन लगेंगे।”

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि यह मामला उनके और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की विशेष पीठ के समक्ष विचाराधीन है और इसलिए वह चुनाव समिति से बिना कोई न्यायिक आदेश पारित किए केवल प्रशासनिक पक्ष के मतों की पुनर्गणना करने को कह रहे हैं।

हंसारिया ने पीठ को बताया कि अग्रवाल ने चुनाव समिति के सदस्यों को नोटिस जारी किया है तथा उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने की धमकी दी है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि एससीबीए चुनावों के लिए चुनाव समिति के सदस्यों को धमकाने का कोई भी प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अदालत जानती है कि ऐसे लोगों से कैसे निपटना है।

उन्होंने हंसारिया को आश्वासन दिया कि कुछ भी नहीं होगा तथा उनसे बार सदस्यों की शिकायतों को दूर करने के लिए स्वतंत्र एवं निष्पक्ष पुनर्मतगणना सुनिश्चित करने को कहा।

भाषा प्रशांत सुरेश

सुरेश


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