कोलकाता, 10 नवंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती ‘घोटाले’ के सिलसिले में तीन साल से अधिक समय से जेल में बंद पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की रिहाई का रास्ता सोमवार को उस समय साफ हो गया, जब कोलकाता की एक अदालत में आठ गवाहों से जिरह पूरी हो गई।
उच्चतम न्यायालय ने चटर्जी की जमानत अर्जी 18 अगस्त को स्वीकार कर ली थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया था कि उन्हें निचली अदालत में महत्वपूर्ण गवाहों के बयान दर्ज किए जाने के बाद ही जेल से रिहा किया जाएगा।
मामले में आठ गवाहों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चटर्जी के वकील ने सोमवार को विशेष अदालत के समक्ष याचिका दायर की, जिसमें चटर्जी को जमानत पर रिहा करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया।
चटर्जी के वकील ने कहा कि अदालत द्वारा जमानत आदेश पारित करने के बाद पूर्व मंत्री को जेल से रिहा कर दिया जाएगा।
चटर्जी फिलहाल अस्पताल में हैं। निचली अदालत के निर्देश पर जमानत बांड के निष्पादन के बाद उनकी रिहाई का आदेश दिए जाने की संभावना है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल में सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा नौ से 12 तक के शिक्षकों और ग्रुप सी कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमितताओं को लेकर चटर्जी और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि चटर्जी ने लगभग तीन साल हिरासत में बिताए हैं और उनका लगातार जेल में रहना “न्याय का उपहास” होगा।
भाषा पारुल अविनाश
अविनाश