जीवन की उत्पत्ति के रहस्य को समझने के लिए समुद्र में 6,000 मीटर तक की गहराई में जाएंगे वैज्ञानिक

जीवन की उत्पत्ति के रहस्य को समझने के लिए समुद्र में 6,000 मीटर तक की गहराई में जाएंगे वैज्ञानिक

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  • Publish Date - March 18, 2022 / 02:53 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:47 PM IST

नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) भारतीय वैज्ञानिक शीघ्र ही ‘गहरा महासागर अभियान’ (डीओएम) के तहत समुद्र की सतह से 6,000 मीटर तक की गहराई में जाकर जीवन की उत्पत्ति के रहस्यों का पता लगाने वाले हैं।

शुरुआत में, 4,077 करोड़ रुपये की लागत वाले इस अभियान के तहत वैज्ञानिक 500 मीटर की गहराई में जाकर उन उपकरणों का परीक्षण करेंगे, जिन्हें इस उद्देश्य के लिए बनाया गया है। इसके बाद वे महासागर में और गहराई में जाएंगे।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने पीटीआई-भाषा से कहा, “जीवन की उत्पत्ति से जुड़े कुछ रहस्य अब भी बरकरार हैं। ऐसे सिद्धांत हैं कि जीवन का उद्भव, महासागर में चार से पांच किलोमीटर की गहराई में स्थित ‘हाइड्रो थर्मल वेंट’ में हुआ था।”

उन्होंने कहा, “चार से पांच किलोमीटर की गहराई में पूरा अंधेरा होता है लेकिन वहां भी जीवन मौजूद है। उस गहराई में जीवन की उत्पत्ति कैसे हुई होगी, कोई जीव वहां कैसे जीवित रहा होगा? गहरे महासागर अभियान से हमें इसका पता लगाने में सहायता मिलेगी।”

रविचंद्रन ने बताया कि डीओएम की सहायता से भारत को महासागर के तल का मानचित्र बनाने में भी सहायता मिलेगी,, जहां खनिज और धातु का भंडार है।

भाषा यश सुभाष

सुभाष