सुरक्षा स्थिति नियंत्रण में, घुसपैठ रोकना अब भी चुनौती : जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख |

सुरक्षा स्थिति नियंत्रण में, घुसपैठ रोकना अब भी चुनौती : जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख

सुरक्षा स्थिति नियंत्रण में, घुसपैठ रोकना अब भी चुनौती : जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख

:   Modified Date:  January 23, 2024 / 07:46 PM IST, Published Date : January 23, 2024/7:46 pm IST

श्रीनगर, 23 जनवरी (भाषा) जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर.आर. स्वैन ने मंगलवार को कहा कि सीमा पार से केंद्र शासित प्रदेश में घुसपैठ रोकना सुरक्षाबलों के लिए चुनौती बना हुआ है, लेकिन सुरक्षा स्थिति नियंत्रण में हैं।

दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपोरा में आयोजित एक जन शिकायत निवारण कार्यक्रम से इतर स्वैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सुरक्षा स्थिति नियंत्रण में है। सुरक्षा का सबसे बड़ा पहलू कानून-व्यवस्था है। हमारा मानना है कि हम सड़कों आदि पर सार्वजनिक व्यवस्था को नियंत्रित करने में सक्षम हैं।

डीजीपी ने कहा कि सीमा पार से घुसपैठ को रोकना सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बना हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘हां, यह हमारे लिए एक चुनौती है कि कुछ आतंकवादी सीमा पार से आ रहे हैं। वे यहां आकर कुछ लोगों के साथ मिलकर माहौल खराब करने की कोशिश करते हैं। इस चुनौती को हम एक अलग नजरिए से देखते हैं।’’

स्वैन ने कहा, ‘‘हम इस तरह से देखते हैं कि स्थानीय युवा उनके साथ नहीं जुड़े हैं या बहुत ही कम संख्या में हैं। कुछ लोग उनके साथ हो सकते हैं, लेकिन अधिकांश जनता उनके साथ नहीं है। इस बात को ध्यान में रखकर ही हम कह रहे हैं कि सुरक्षा स्थिति नियंत्रण में है।’’

केंद्र शासित प्रदेश में लक्षित हमलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘इस समस्या के लिए 90 प्रतिशत बाहरी कारक जिम्मेदार हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘देश के बाहर बैठा व्यक्ति जो जम्मू का नहीं है। एक पाकिस्तानी किसी तरह घुसपैठ करके या सुरंग खोदकर यहां आ जाता है और फिर हमसे लड़ता है। यह हमारे लिये चुनौती है। हालांकि इनकी संख्या अब कम हो गई है, लेकिन यह चुनौती बनी हुई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सीमा पार से घुसपैठ पुंछ-राजौरी और कुछ हद तक यहां भी एक चुनौती है। माहौल धीरे-धीरे सुधरने पर हम इसे नियंत्रित करने में सक्षम होंगे और हमें उम्मीद है कि लोग खुद उन्हें हमारे हवाले कर देंगे।’’

यह दक्षिण कश्मीर में डीजीपी का पहला जन शिकायत निवारण कार्यक्रम था। उन्होंने जम्मू क्षेत्र के अलावा उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा और श्रीनगर में भी ऐसे ही कार्यक्रम किए हैं।

कार्यक्रम में लूट, घरेलू हिंसा और भूमि विवाद जैसी विभिन्न प्रकार की शिकायतों के साथ बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

भाषा खारी प्रशांत

प्रशांत

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)