26 women rescued from house in Mumbai, four persons held
‘Sex’ became a weapon of espionage: नई दिल्ली। हनीट्रैप की दस्तक अब केंद्र सरकार के गोपनीय विभागों तक हो गई है। विदेश मंत्रालय से जुड़े एक ड्राइवर के हनी ट्रैप में फंसने के बाद देशभर में चर्चा हो रही है कि अगर इतने संवेदनशील विभागों की सूचनाएं दांव पर हैं तो बाकी जगहों की स्थिति क्या होगी। पुलिस ने हनीट्रैप और जासूसी के जाल में फंसे ड्राइवर को तो गिरफ्तार कर लिया है लेकिन कई सवाल भी उठ रहे हैं।
आरोपी ड्राइवर गोपनीय जानकारियां किसी दूसरे शख्स को अनजाने में भेज रहा था। वह अनजाने में ही पाकिस्तान की महिला को दिल दे बैठा था, जिसका मकसद उससे प्यार नहीं बल्कि खुफिया जानकारियों में सेंध लगाना था। प्यार के अंजाम में उसे जेल मिली और उसने अपने महबूब का चेहरा तक नहीं देखा। दरअसल चेहरा तब देखता जब वह कोई आम लड़की होती। ड्राइवर हनी ट्रैप में फंस चुका था। अब ताउम्र उसे जेल में रहना पड़ सकता है।
पुलिस की नजर इस कांड पर जाती ही कहां। भला हो जांच एजेंसियों का जिन्होंने सारी पोल खोलकर रख दी। उन्होंने पुलिस को आगाह किया एक शख्स है जो यहां से खुफिया जानकारियां पाकिस्तान में बैठे किसी शख्स को भेज रहा है। पाकिस्तान, संवेदनशील जानकारियों को हासिल करने के लिए धड़ल्ले से हनी ट्रैप का इस्तेमाल कर रहा है। सेक्स और हनीट्रैप को वह ऐसा टूल मानता है, जो अगर निशाने पर लगा तो ISI का काम बन जाता है।
हनीट्रैप के राज को समझना है तो सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि कैसे हनीट्रैप का गंदा खेल शुरू होता है। दुश्मन देश के एजेंट पहले संबंधित विभाग की पूरी रेकी करते हैं। सोशल मीडिया पर सबकी धड़ल्ले से मौजूदगी, वर्क प्लेस को मेंशन करने की आदत और बड़े विभाग में तैनात होने का टशन हर कोई पचा नहीं पाता है। सुरक्षाबलों और संवेदनशील विभागों में तैनात कर्मचारी भी इस मोहजाल से बाहर नहीं निकल पाते हैं।
ISI जैसे जासूसी संगठन इस ताक में रहते हैं कि वहां काम करने वाले किसी सबसे निचले पद पर तैनात किसी शख्स के साथ कैसे संपर्क किया जाए। उन्हें फंसाने की शुरुआत ठीक वैसे ही होती है, जैसे इन दिनों सेक्सटॉर्शन से जुड़े दूसरे मामलों की।
मैसेज- हाय, मैं रिया. मैं आपसे दोस्ती करना चाहती हूं।
जवाब- हेलो।
मैसेज- आप क्या करते हैं?
जवाब- …काम करता हूं। ये पोजीशिन है, ये देखता हूं। (ऐसे ही कुछ बुनियादी सवाल-जवाब)
…और फिर यहीं से शुरू होता है हनीट्रैप का गंदा गेम। लोग इसमें बहक जाते हैं। सेक्स चैट शुरू करते हैं, तस्वीरें भेजते हैं। जब सामने वाले को भरोसा हो जाता है कि अब बात बन गई है तो यह मामला जासूसी तक बढ़ जाता है। दु्श्मन देश इसके लिए सेक्सटॉर्शन और Sexpionage जैसे टूल का इस्तेमाल करते हैं। सामने वाले को लगता है कि वह लड़की उसी के देश की है। सामान्य जिज्ञासा की वजह से सबकुछ जानना चाहती है लेकिन ट्रैप में फंसा शख्स इस बात से अनजान होता है कि उसका इस्तेमाल हो रहा है। वीडियो चैटिंग, फोन कॉल्स से शुरू हुई दोस्ती, इस मोड़ तक पहुंचती है कि वह अपनी खुफिया जानकारियां तक लीक कर बैठता है।
‘Sex’ became a weapon of espionage: भारत में सोशल मीडिया के जरिए जवानों को फंसाने की साजिश लगातार हो रही है। सुरक्षाबलों के कई जवान इस ट्रैप में फंस चुके हैं। उन्हें लगता है कि चैट वे किसी लड़की से कर रहे हैं लेकिन असली एंगल जासूसी का होता है। सुरक्षा एजेंसियां इस बार में आगाह कर चुकी हैं। पाकिस्तान जवानों को फंसाने के लिए हनीट्रैप की साजिश लगातार रच रहा है।