‘सेक्सटॉर्शन’ सामाजिक समस्या : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आरोपियों को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा

‘सेक्सटॉर्शन’ सामाजिक समस्या : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आरोपियों को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा

‘सेक्सटॉर्शन’ सामाजिक समस्या : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आरोपियों को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा
Modified Date: April 30, 2024 / 10:17 pm IST
Published Date: April 30, 2024 10:17 pm IST

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि ‘सेक्सटॉर्शन’ एक सामाजिक समस्या है और इस तरह के मामले अपनी न्यायेत्तर प्रकृति के कारण कानून प्रवर्तन के लिए एक गंभीर चुनौती पेश करते हैं।

अदालत ने एक मामले में तीन आरोपियों को जमानत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की।

कोई व्यक्ति जब किसी दूसरे व्यक्ति की आपत्तिजनक तस्वीर या वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित करने की धमकी देता है और इसके बदले में कोई मांग रखता है तो इसे ‘सेक्सटॉर्शन’ कहा जाता है।

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न्यायमूर्ति अमित महाजन ने मंगलवार को जारी एक आदेश में कहा कि पीड़ित इस तरह के मामलों में अक्सर अपनी निजता और गरिमा को लेकर मनोवैज्ञानिक सदमे में होते हैं।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘सेक्सटॉर्शन निजता का गंभीर उल्लंघन है और एक बड़ा सामाजिक खतरा है। इसमें पीड़ितों से पैसे या मदद लेने के लिए उनकी आपत्तिजनक तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल शामिल है, जो अक्सर गंभीर मनोवैज्ञानिक आघात का कारण बनता है।’’

न्यायमूर्ति महाजन ने कहा, ‘‘यह साइबर अपराध न केवल व्यक्ति की गरिमा को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि अपनी गुप्त और न्यायेत्तर प्रकृति के कारण कानून प्रवर्तन के लिए गंभीर चुनौतियां भी पैदा करता है।’’

उन्होंने कहा कि इस तरह के विषय में नियमित आधार पर जमानत आदेश जारी नहीं किया जा सकता।

मौजूदा मामले में, व्हाट्सऐप वीडियो कॉल आने के बाद शिकायतकर्ता से खुद को पुलिस अधिकारी और यूट्यूब अधिकारी बताने वाले व्यक्तियों ने 16 लाख रुपये की जबरन वसूली की। इससे पहले, शिकायतकर्ता को एक अज्ञात महिला का वीडियो कॉल आया था।

भाषा सुभाष अविनाश

अविनाश

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