नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व विधायक सोमनाथ भारती को 2014 के यौन उत्पीड़न मामले में अपने बचाव में आगे सबूत पेश करने की अनुमति दे दी।
सबूतों में सात वीडियो क्लिप शामिल हैं, जिनमें दिल्ली, विशेष रूप से खिड़की एक्सटेंशन (मालवीय नगर में) के क्षेत्र में कथित तौर पर ‘वेश्यावृत्ति होने’ के बारे में मीडिया में आईं खबरें और “वेश्यावृत्ति” को रोकने के भारती के कथित प्रयासों के बारे में दिखाया गया है।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने उन्हें मालवीय नगर में दर्ज एक अलग प्राथमिकी से संबंधित दस्तावेज भी रिकॉर्ड पर रखने की अनुमति दी।
यह आदेश भारती की उस याचिका पर आया है, जिसमें उन्होंने नवंबर 2024 में पारित मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ अपील की थी। मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश में आगे के साक्ष्य रिकॉर्ड पर रखने की उनकी अर्जी खारिज कर दी गयी थी।
वर्ष 2014 का यह मामला एक अफ्रीकी महिला की शिकायत से संबंधित है, जिसने आरोप लगाया था कि 15-16 जनवरी, 2014 की मध्य रात्रि को कुछ अज्ञात व्यक्ति खिड़की एक्सटेंशन (मालवीय नगर) में उसके किराए के आवास पर आए, उसे धमकाया, उसके साथ मारपीट की, शरीर के अंग छुए, देश छोड़ने की धमकी दी और उसके बारे में नस्लीय टिप्पणियां कीं।
अदालत में पेश रिकॉर्ड में कहा गया है कि वह अपनी बहन और अन्य लोगों के साथ तीन जनवरी, 2014 को अपना इलाज कराने के लिए भारत आई थी और राजधानी के खिड़की एक्सटेंशन में किराए के आवास में रह रही थी, क्योंकि इलाज में लंबा समय लग रहा था।
महिला की शिकायत पर आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) और 354ए (यौन उत्पीड़न) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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जोहेब सुरेश
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