एसजीपीसी को 24 जुलाई से गुरबानी के सीधा प्रसारण पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए: मान

एसजीपीसी को 24 जुलाई से गुरबानी के सीधा प्रसारण पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए: मान

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  • Publish Date - July 21, 2023 / 07:02 PM IST,
    Updated On - July 21, 2023 / 07:02 PM IST

चंडीगढ़, 21 जुलाई (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को कहा कि शिरोमणि गुरद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) को 24 जुलाई से स्वर्णमंदिर से ‘गुरबानी’ के सीधा प्रसारण के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए क्योंकि सिख धार्मिक भजन का प्रसारण करने वाले मीडिया चैनल के साथ उसका करार शीघ्र खत्म हो जाएगा।

अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर से गुरबानी के सीधा प्रसारण को लेकर आम आदमी पार्टी (आप)नीत पंजाब सरकार और एसजीपीसी के बीच टकराव चल रहा है। एसजीपीसी का कहना है कि गुरबानी का प्रसारण अधिकार उसके पास रहना चाहिए।

मान ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ एसजीपीसी को 24 जुलाई से गुरबानी के सीधा प्रसारण के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। सभी चैनलों को मुफ्त प्रसारण करने देना चाहिए .. यदि सरकार को सेवा करने का मौका मिलता है तो हम 24 घंटे के अंदर सारा इंतजाम कर देंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन आश्चर्य है कि एसजीपीसी पवित्र गुरबानी के प्रसारण को जारी रखने के लिए बस एक ही निजी चैनल को अनुरोध कर रही है, दूसरे को क्यों नहीं? क्या वह एक ही परिवार को चैनल के माध्यम से अनिश्चितकाल के लिए एक बार फिर गुरबानी (के प्रसारण का) अधिकार देगी? लालच की भी हद होती है…।’’

इससे पहले मान ने मुफ्त में सभी चैनलों पर गुरबानी के प्रसारण कराने और उसका सारा खर्च सरकार द्वारा उठाने की पेशकश की थी।

उन्होंने मई में कहा था कि राज्य सरकार सभी चैनलों पर गुरबानी के प्रसारण के लिए उच्च प्रौद्योगिकी उपकरण लगाने का सारा खर्च उठाने लिए तैयार है ।

पिछले साल भी मुख्यमंत्री ने एसजीपीसी से स्वर्णमंदिर से गुरबानी का प्रसारण अन्य चैनलों पर भी होने देने की अपील की थी।

कुछ दिन पहले एसजीपीसी ने कहा था कि वह अमृतसर के सिख धर्मस्थल से गुरबानी के प्रसारण के वास्ते अपना यूट्यूब चैनल शुरू करेगी । उसने कहा था कि वह सेटेलाइट चैनल भी शुरू करेगी।

पंजाब विधानसभा ने 20 जून को सिख गुरद्वारा (संशोधन) विधेयक 2023 पारित किया था जिसका लक्ष्य गुरबानी का ‘फ्री टू एयर’ प्रसारण सुनिश्चित करना था।

हालांकि एजीपीसी ने इस संशोधन का विरोध किया और पंजाब के मुख्यमंत्री पर उसके मामलों में दखल देने का आरोप लगाया।

भाषा

राजकुमार पवनेश

पवनेश