शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का निधन, 99 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

जबलपुर।  द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्परूपानंद सरस्वती का 99 साल की उम्र में निधन हो गया है। शंकराचार्य स्वामी स्परूपानंद सरस्वती का जन्म दो सितंबर को 1924 को हुआ था। उन्हे 1981 में शंकराचार्य की उपाधि मिली है।

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  • Publish Date - September 11, 2022 / 04:48 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:49 PM IST

Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati passed away

Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati passed away

जबलपुर। द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 99 साल की उम्र में निधन हो गया है। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में उन्होंने आखिरी सांस ली है।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म दो सितंबर को 1924 को हुआ था। उन्हे 1981 में शंकराचार्य की उपाधि मिली है। मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में उन्होंने जन्म लिया था। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने 1950 में दण्ड संन्यास की दीक्षा ली थी।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर के झोतेश्वर मंदिर में ब्रह्मलीन हो गए हैं। वह 99 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। हाल ही में 3 सितंबर को उन्होंने अपना 99 वां जन्मदिन मनाया था। वह द्वारका की शारदा पीठ और ज्योर्तिमठ बद्रीनाथ के शंकराचार्य थे। शंकराचार्य ने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। आजादी के आंदोलन में भी भाग लिया।

उनके पिता धनपति उपाध्याय और मां का नाम गिरिजा देवी था। माता-पिता ने इनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा। 9 साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़ कर धर्म यात्राएं शुरू की। इस दौरान वह काशी पहुंचे और यहां उन्होंने ब्रह्मलीन श्री स्वामी करपात्री महाराज वेद-वेदांग, शास्त्रों की शिक्षा ली। उस दौरान भारत को अंग्रेजों से मुक्त करवाने की लड़ाई चल रही थी। 1942 में जब अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा तो वह भी स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े।

 

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