shapath grahan ki line
भोपाल: कल दो राज्यों में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किये जायेंगे। एमपी और छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री अपने नए मंत्रिमंडल एक साथ शपथ लेंगे। खुद प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यतक्ष जेपी नड्डा और करीब आधे दर्जन भाजपा शासित राज्यों के सीएम इस समारोह में शिरकत करेंगे।
लेकिन बात हम सिर्फ इन दो राज्यों के शपथ समारोह की नहीं बल्कि इस शपथ समारोहों में ली जाने वाली शपथ की प्रक्रिया पर बात कर रहे है। सवाल उठता है कि आखिर शपथ के दौरान नेता क्या कहते है और कौन किसे शपथ दिलाता है? तो आइये जानते है इस बारें में।
दरअसल नए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या फिर उनके मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ लेते है। इस दौरान वह कहते है “ईश्वर की शपथ लेता हूं/सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा, मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगा, मैं ….. संघ के मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक और शुद्ध अंत:करण से निर्वहन करूंगा तथा मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना, सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि के अनुसार कार्य करूंगा.’
इस प्रक्रिया के बाद वह एक संवैधानिक सर्कुलर पर पर हस्ताक्षर करते हैं। यह काफी अहम् दस्तावेज होता है, जो राष्ट्रपति या राज्यपाल द्वारा संरक्षित रखा जाता है। दरअसल, देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था का यह एक संवैधानिक दस्तावेज होता है, जो हमेशा सुरक्षित और संरक्षित रहता है।
वही शपथग्रहण के बाद कैबिनेट मंत्रियों और राज्यमंत्रियों में विभागों का बंटवारा किया जाता है। यह प्रधानमंत्री अथवा उस राज्य के मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है. वह राय-मशवरों के बाद मंत्रियों को विभाग बांटते हैं। इसके बाद संबंधित मंत्री विभाग का विधिवत पदभार ग्रहण करते हैं और काम शुरू करते हैं।
अब बड़ा सवाल है कि कौन किसे शपथ दिलाता है? तो हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पद और गोपनीयता की शपथ राष्ट्रपति दिलाते हैं। जबकि राष्ट्रपति को सुप्रीम कोर्ट के पद और गोपनीयता की शपथ चीफ जस्टिस दिलाते हैं। ईसिस तरह राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्रीपरिषद को पद और गोपनीयता की शपथ राज्य के राज्यपाल दिलाते हैं।