श्री राम को मिल गई जन्म भूमि,अब अध्यक्ष की कुर्सी के लिए लड़ाई, निर्मोही अखाड़े ने पेश किया दावा

श्री राम को मिल गई जन्म भूमि,अब अध्यक्ष की कुर्सी के लिए लड़ाई, निर्मोही अखाड़े ने पेश किया दावा

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  • Publish Date - November 18, 2019 / 11:05 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:18 PM IST

ग्वालियर। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के राममंदिर निर्माण और मंदिर पर स्वामित्व की लड़ाई तेज हो गई है। केंद्र सरकार अभी राममंदिर निर्माण के लिए नए ट्रस्ट का स्वरूप तय करने में जुटी है। श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के बाद निर्मोही अखाड़ा ने भी ट्रस्ट में न सिर्फ शामिल होने बल्कि अध्यक्ष या सचिव पद की मांग करके सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

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निर्मोही अखाड़े ने रविवार को राममंदिर निर्माण के नए ट्रस्ट में सरकार से अध्यक्ष और महासचिव के पद की मांग करके हलचल बढ़ा दी है। निर्मोही अखाड़े की ओर से सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय को इस आशय का प्रतिवेदन भेजा जाएगा। निर्मोही अखाड़े ने की ट्रस्ट में 5 सदस्यों को शामिल किए जाने की मांग की है। निर्मोही अखाड़े की प्रमुख मांगों में रामलला की पूजा का अधिकार दिए जाने की मांग और अध्यक्ष एवं महासचिव पद देने की मांग प्रमुख हैं।

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निर्मोही अखाड़े की प्रतिनिधियों की पीएम नरेंद्र मोदी से 20 नवम्बर को मुलाकात हो सकती है। पीएम मोदी से 15 सदस्यीय दल मिलेगा । बाबा रामसेवकदास जी महाराज ने ये मांग की है। अखाड़े की मुख्य द्वाराचार्य पीठ श्री गंगादास की शाला के महंत हैं । गंगादास की शाला पड़ाव क्षेत्र में मौजूद है । अयोध्या में निर्मोही अखाड़े ने डीएम को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में मांगों के अलावा पीएम से मुलाकात किये जाने का भी जिक्र है।

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को विराजमान रामलला के पक्ष में फैसला देते हुए केंद्र सरकार से मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या एक्ट 1993 के तहत राममंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट की योजना और शर्तें तय करने को कहा था। साथ ही मस्जिद के लिए सरकार से अयोध्या में ही प्रमुख जगह पर पांच एकड़ भूमि सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने के निर्देश दिए थे।
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