देहरादून, 12 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड में प्राथमिकता के आधार पर छह रोप-वे परियोजनाएं चुनी गयी हैं, जिनमें से केदारनाथ और हेमकुंड साहिब परियोजनाओं का कार्य आवंटन कर दिया गया है।
यह जानकारी उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई रोप-वे विकास के लिए गठित संचालन समिति की बैठक में दी गयी।
बैठक में बताया गया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य भर में 50 रोप-वे प्रस्तावित किए गए हैं जिनमें से छह प्रस्तावों को प्राथमिकता के आधार पर चयनित किया गया है।
इन छह परियोजनाओं की प्रगति के बारे में बताया गया कि रुद्रप्रयाग जिले में सोनप्रयाग से केदारनाथ और चमोली में गोविन्दघाट से हेमकुंड साहिब परियोजनाओं का कार्य आवंटन कर दिया गया है जबकि नैनीताल जिले में काठगोदाम से हनुमानगढ़ी मंदिर परियोजना अनुमोदन के चरण में है।
बैठक में जानकारी दी गयी कि रुद्रप्रयाग जिले में कनकचौरी से कार्तिक स्वामी रोप-वे परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है जबकि उत्तरकाशी में रैथल बारसू से बरनाला और चमोली में जोशीमठ-औली-गौरसों रोप-वे की डीपीआर के लिए निविदा प्रक्रिया जारी है।
मुख्य सचिव ने बैठक में अधिकारियों को सोनप्रयाग से केदारनाथ एवं गोविन्दघाट से हेमकुंड साहिब रोप-वे परियोजनाओं के प्रत्येक चरण की रूपरेखा और ‘पर्ट चार्ट’ (परियोजना मूल्यांकन एवं समीक्षा तकनीक चार्ट) तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने वन एवं वन्यजीव स्वीकृतियों की प्रक्रिया में तेजी लाने को भी कहा।
रोप-वे निर्माण के लिए भारी मशीनों को निर्माण स्थल तक पहुंचाने को एक चुनौतीपूर्ण कार्य बताते हुए मुख्य सचिव ने इसके लिए सड़कों का ‘टर्निंग रेडियस’ बढ़ाए जाने एवं पुलों की मजबूती के लिए अभी से आवश्यक कदम उठाने को कहा।
उन्होंने काठगोदाम से हनुमानगढ़ी मंदिर मंदिर रोप वे परियोजना में कैंचीधाम को भी शामिल किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि कैंचीधाम आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के मद्देनजर वहां रोप-वे की संभावनाएं तलाशी जाएं। काठगोदाम से हनुमानगढ़ी पहुंचने के बाद उसके आगे नैनीताल-अल्मोड़ा मार्ग पर कैंचीधाम पड़ता है, जहां दूर-दूर से श्रद्धालु बाबा नीम करोली के आश्रम पहुंचते हैं।
बर्धन ने रोप-वे विकास समिति की प्रथम बोर्ड बैठक इस माह के अंत तक अनिवार्य रूप से आयोजित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस समिति के लिए सचिव पर्यटन, सदस्य सचिव होंगे।
उन्होंने कहा कि सभी बड़ी रोप-वे परियोजनाएं पूरी होने से अगले पांच-दस सालों में स्थानीय स्तर पर विकसित होने वाले नये पर्यटक स्थलों और मार्गों के विस्तारीकरण के लिए अभी से रोडमैप तैयार कर लिया जाए।
भाषा दीप्ति अमित
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